– रॉकेट प्रणाली के भारतीय सेना में शामिल होने से तोपखाने की मारक क्षमता बढ़ेगी
नई दिल्ली, 14 नवंबर (Udaipur Kiran) । रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने गाइडेड पिनाका रॉकेट के सभी 12 परीक्षण पूरे कर लिए हैं, जिसके बाद अब इनके उत्पादन का रास्ता साफ हो गया है। सभी उड़ान परीक्षण तीन चरणों में विभिन्न फील्ड फायरिंग रेंजों में किए गए हैं। परीक्षणों के दौरान रॉकेटों के मापदंडों रेंजिंग, सटीकता, स्थिरता और कई लक्ष्यों पर फायर की दर का आकलन किया गया। लॉन्चर उत्पादन एजेंसियों ने अपग्रेड किए गए लॉन्चरों से रॉकेटों के परीक्षण किये हैं।
डीआरडीओ ने गुरुवार को बताया कि प्रोविजनल स्टाफ क्वालिटेटिव रिक्वायरमेंट्स (पीएसक्यूआर) वैलिडेशन ट्रायल के हिस्से के रूप में हथियार प्रणाली के उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे किये गए हैं। सटीक हमला करने में सक्षम पिनाका मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम पूरी तरह से स्वदेशी है, जिसे आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट ने रिसर्च सेंटर इमारत, रक्षा अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला, उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला और प्रूफ एंड एक्सपेरीमेंटल एस्टेब्लिशमेंट के सहयोग से डिजाइन और विकसित किया गया है। पिनाका रॉकेट के लिए म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड और इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड ने गोला-बारूद तथा टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड और लार्सन एंड टूब्रो ने लॉन्चर और बैटरी कमांड पोस्ट तैयार किया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस प्रणाली के सफल पीएसक्यूआर सत्यापन परीक्षणों के लिए डीआरडीओ और भारतीय सेना की सराहना की है। उन्होंने कहा कि इस निर्देशित पिनाका हथियार प्रणाली के शामिल होने से सशस्त्र बलों की तोपखाने की मारक क्षमता में और वृद्धि होगी। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने भी परीक्षणों से जुड़ी टीमों को बधाई दी और कहा कि रॉकेट प्रणाली ने भारतीय सेना में शामिल होने से पहले सभी पूर्व-आवश्यक उड़ान परीक्षण पूरे कर लिए हैं।——————————-
(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम