

धमतरी, 30 अप्रैल (Udaipur Kiran) ।नगर सहित ग्रामीण अंचल में 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया। इस दौरान बच्चों ने गुड्डे व गुडिय़ों की शादी रचाई और घर के बड़ों से उपहार प्राप्त किया। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में ईष्ट देव की पूजा-अर्चना कर अच्छी फसल के लिए आशीर्वाद मांगा गया।
अक्षय तृतीया पर बच्चों का उत्साह देखते ही बना। घर और आसपास के मोहल्लों में बच्चों ने आम के पत्तों और फूल-पत्तियों से मंडप सजाया। इसके बाद मंडप में गुड्डे-गुड़िया की शादी की रस्म अदायगी की गई। तेल हल्दी चढ़ाकर, मुकुट बांधकर गुड्डे-गुड्डी को मंडप पर बिठाया गया। लोक गीत गाए गए। घराती-बराती की रस्म पड़ोसियों ने निभाई। घर के बड़े-बुजुर्गों ने बच्चों को आशीर्वाद दिया। अक्षय तृतीया के अवसर पर शगुन के तौर पर स्वर्ण आभूषण व सोना खरीदने का चलन है। इसे देखते हुए अक्षय तृतीया के अवसर पर लोगों ने शगुन के तौर पर स्वर्ण आभूषणों की खरीदारी की। अक्षय तृतीया पर आभूषण विक्रेताओं ने भी पहले से ही पूरी तैयारी कर रखी थी। सराफा विक्रेता ज्ञानचंद लुनावत ने कहा कि लोग अब स्वर्ण को निवेश का जरिया मान रहे हैं। इसी के मद्देनजर कई लोग सोने के सिक्के खरीदने में ज्यादा उत्साह दिखा रहे हैं।
शुभ कार्यों की हुई शुरुआत: पंडित राजकुमार तिवारी ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया को शादी व अन्य शुभ कार्यों की शुरुआत के लिए शुभ मुहुर्त माना जाता है। इस दिन किसी भी काम की शुरुआत की जा सकती है। कोई मुहुर्त, तिथि, पंचांग, दिन वार की जरूरत नहीं होती। इस दिन के सभी कामों का फल अक्षय होता है।
मां अन्नापूर्णा को अर्पित किए धान
अक्षय तृतीया पर गांवों में किसानों ने देवी अन्नपूर्णा की पूजा अर्चना की। सुबह दौरान किसानों ने परसा पेड़ के पत्ते का दोना बनाकर धान को अन्नपूर्णा को अर्पित किए। साथ ही बारिश एवं फसल की अच्छी पैदावारी के लिए देवी से कामना की गई। पांच कुंवारे लड़कों के सहयोग से खेत की जोताई की तथा धान के बीज का छिड़काव किया। सात प्रकार के बीजों का प्रसाद बनाकर लोगों को वितरित किया गया। इधर ठाकुर देव की पूजा रीति-रिवाज के अनुसार की गई। सात प्रकार के बीजों का प्रसाद बनाकर इसका वितरण किया गया। इस दौरान ग्रामीणों ने अपना कामकाज बंद कर त्योहार को धूमधाम से मनाया।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा
