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जीएसटी एमनेस्टी स्कीम 1 नवंबर से, कम ब्याज और पेनल्टी देकर होगा केस का निपटारा

1 नवंबर से शुरू होगी जीएसटी एमनेस्टी स्कीम

– वित्त मंत्री ने जुलाई के बजट भाषण में किया था एमनेस्टी स्कीम का ऐलान

नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । केंद्र सरकार ने जीएसटी एमनेस्टी स्कीम को नोटिफाई कर दिया है। ये स्कीम 1 नवंबर से ओपन हो जाएगी। टैक्सपेयर्स इस स्कीम के तहत तुलनात्मक तौर पर कम इंटरेस्ट और पेनल्टी चुका कर अपने पेंडिंग मामलों का निपटारा कर सकते हैं। जीएसटी एमनेस्टी स्कीम का फायदा वे सभी टैक्सपेयर्स उठा सकेंगे, जिनके 1 जुलाई 2017 से लेकर 31 मार्च 2020 तक के टैक्स के मामले पेंडिंग पड़े हुए हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जुलाई में बजट पेश करते वक्त अपने बजट भाषण में ही जीएसटी एमनेस्टी स्कीम का ऐलान किया था।

बताया जा रहा है कि ऐसे टैक्सपेयर्स, जिन्हें सेक्शन 73 नोटिस का आर्डर मिला है, वे इस स्कीम का फायदा उठा सकते हैं। हालांकि जिन टैक्सपेयर्स को फ्रॉड के मामलों में नोटिस दिया गया है, उन्हें इसका फायदा नहीं मिल सकेगा। इस स्कीम के तहत टैक्सपेयर्स को सिर्फ इंटरेस्ट और पेनल्टी के अमाउंट में ही राहत मिलेगी। इसके अलावा एक्चुअल टैक्स डिमांड की राशि का उन्हें भुगतान करना ही पड़ेगा। जानकारों के अनुसार जीएसटी एमनेस्टी स्कीम के लिए सरकार ने फाइनेंस बिल में सेक्शन 128ए को शामिल किया गया था। इसके तहत सेक्शन 73 के तहत भेजे गए नोटिस या ऑर्डर के मामले में टैक्सपेयर्स को सिर्फ इंटरेस्ट और पेनल्टी के अमाउंट में राहत देने का प्रावधान किया गया है।

सरकार की ओर से दावा किया गया है कि जीएसटी एमनेस्टी स्कीम से काफी बड़ी संख्या में टैक्सपेयर्स को राहत मिलेगी। इसके साथ ही ट्रिब्यूनल्स और अदालतों में अपील के मामलों की संख्या में भी गिरावट आएगी। फिलहाल ट्रिब्यूनल्स और अदालतों में ऐसे मामले काफी बड़ी संख्या में पेंडिंग हैं। इसकी वजह से व्यावसायिक घरानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन अब इस स्कीम के आने के बाद व्यावसायिक घराने कम ब्याज और कम पेनल्टी चुका कर अपने पेंडिंग मामलों का निपटारा कर सकेंगे।

सरकार की ओर से नोटिफाई किए गए जीएसटी एमनेस्टी स्कीम का चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ने भी स्वागत किया है। सीए फर्म टैक्स सॉल्यूशंस के सीएमडी संतोष अग्रवाल का कहना है कि सरकार की इस एमनेस्टी स्कीम से व्यावसायिक घरानों को काफी फायदा होगा। जुलाई 2017 में जीएसटी की व्यवस्था जब लागू की गई थी तो कई व्यावसायिक घरानों को इसके नियमों के बारे में ठीक से पता नहीं था। इस वजह से कई लोगों से रिटर्न फाइल करते वक्त गलतियां भी हुई थी। बाद में इन लोगों को जीएसटी अथॉरिटीज के नोटिस का सामना करना पड़ा। हालांकि इनमें से अधिकांश लोग ऐसे थे, जिनसे रिटर्न फाइल करने में अनजाने में गलती हुई थी। ऐसे लोगों को अब केंद्र सरकार की इस स्कीम से फायदा मिलेगा।

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(Udaipur Kiran) / योगिता पाठक

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