शिमला, 19 नवंबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में मंगलवार को भारत-जर्मनी साझेदारी के तहत हरित और सतत् विकास साझेदारी (जीएसडीपी) परियोजना का शुभारंभ किया गया। नीति आयोग की यह परियोजना स्थानीय स्तर पर सतत् विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की प्राप्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। यह परियोजना भारत और जर्मनी के बीच सतत् विकास के प्रयासों को प्रोत्साहित करने वाली साझेदारी को प्रदर्शित करती है।
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने इस अवसर पर कहा कि हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक विशेषताएँ और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए सतत् विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने हरित और सतत् विकास के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है और अब 2024-25 के लिए एसडीजी से जुड़ी विभिन्न गतिविधियाँ और कार्यशालाएँ आयोजित की जाएंगी।
नीति आयोग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. राजीव कुमार सेन ने इस परियोजना के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि सतत् विकास लक्ष्यों को जमीनी स्तर पर लागू करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने प्रदेश सरकार की सराहना की और कहा कि हिमाचल ने एसडीजी इंडिया इंडेक्स में बेहतरीन प्रदर्शन किया है।
प्रधान सचिव (योजना) देवेश कुमार ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सतत् विकास लक्ष्यों के तहत राज्य में विकास योजनाओं का क्रियान्वयन किया है और इसके लिए 11 कार्यशील समूहों का गठन किया गया है, ताकि योजनाओं का सफल कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जा सके।
उन्होंने कहा कि यह परियोजना हिमाचल प्रदेश के हरित और सतत् विकास की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
—————
(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा