
सवाई माधोपुर, 16 मई (Udaipur Kiran) । ज़िले के चौथ का बरवाड़ा क्षेत्र में गुरुवार रात एक बड़ा हंगामा हुआ जब बजरी माफिया ने पुलिस टीम पर अचानक हमला कर दिया। यह घटना डिडायच रपट के पास की बताई जा रही है।
पुलिस अवैध बजरी खनन को रोकने के लिए बनास नदी क्षेत्र में पहुंची थी।
पुलिस उप अधीक्षक (डीएसपी) ग्रामीण लाभूराम विश्नोई एक निजी बोलेरो गाड़ी में टीम के साथ मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने अपनी सरकारी गाड़ी सूरवाल थाने में ही छोड़ दी थी।
जैसे ही पुलिस ने अवैध खनन कर रहे ट्रैक्टर चालकों पर लाठियां भांजनी शुरू की, मौके पर अफरा-तफरी मच गई। इसी दौरान बूंदी निवासी एक ट्रैक्टर चालक सुरज्ञान मीना ट्रैक्टर के टायर के नीचे आ गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
घटना के तुरंत बाद वहां मौजूद खनन माफिया और ग्रामीण उग्र हो गए और पुलिस टीम पर चारों ओर से पथराव शुरू कर दिया। हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिसकर्मियों को जान बचाने के लिए बनास नदी क्षेत्र में छिपना पड़ा।
इस हिंसक झड़प में आरोपितों ने डीएसपी की निजी बोलेरो में भी आग लगा दी। मौके पर पहुंची अन्य पुलिस टीमें और वरिष्ठ अधिकारी स्थिति को काबू में लाने में जुट गए।
घटना के बाद मृतक सुरज्ञान मीना के परिजन आक्रोशित हैं। मृतक के भाई रामप्रसाद मीना का आरोप है कि डीएसपी लाभूराम विश्नोई ने उनके भाई पर लोहे के सरिए से हमला किया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। उनका यह भी कहना है कि पुलिस ने परिजनों को कोई सूचना दिए बिना शव को सवाई माधोपुर की मोर्चरी में भिजवा दिया और पूरे मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे। शुक्रवार सुबह से ही चौथ का बरवाड़ा थाने के बाहर लोगों की भारी भीड़ जुटने लगी है।
पुलिस अधीक्षक ममता गुप्ता ने कहा है कि मामले की जांच जारी है और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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(Udaipur Kiran) / रोहित
