Haryana

विद्यालयों को स्वच्छ रखने में सहभागी बनेंगी ग्राम पंचायतें

शिक्षा मंत्री ने 6225 ग्राम पंचायतों को भेजा संदेश पत्र

ग्रीष्मकालीन अवकाश में दो बार स्वच्छता अभियान चलाने का आह्वान

चंडीगढ़, 23 मई (Udaipur Kiran) । प्रदेशभर में ग्राम पंचायतें शिक्षा के मंदिर विद्यालयों को स्वच्छ रखने में सहभागी बनेंगी। शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान विद्यालयों में स्वच्छता अभियान चलाने के लिए ग्राम पंचायतों को एक पत्र भेजा है। प्रदेशभर में 6225 ग्राम पंचायतें गांवों की स्वच्छता के साथ विद्यालयों की सफाई की भी कमान संभालेंगी।

ग्राम पंचायतों को शिक्षा के मंदिर को स्वच्छ रखने की मुहिम में शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा अहम भूमिका निभा रहे हैं। इसके लिएमंत्री ने अपने पत्र में कहा कि एक महीने के ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान महीने में दो बार स्वैच्छिक तौर पर विद्यालय प्रांगण की सफाई कराई जाए। उन्होंने प्रदेशभर के सरपंचों को भेजे पत्र लिखा है कि विद्यालयों में 1 जून से एक महीने के ग्रीष्मकालीन अवकाश की शुरुआत हो रही है। इस दौरान बारिश, आंधी, तूफान आने के कारण विद्यालयों के भवनों की छतों पर पानी की निकासी न होने पर छतों से पानी टपकने से विद्यालय के भवन को नुकसान पहुंचता है। शिक्षा मंत्री ने ग्राम पंचायतों को आह्वान किया कि विद्यालयों की देखरेख औरर साफ-सफाई के लिए अपने-अपने गांवों के 15-20 युवाओं के साथ स्वैच्छिक तौर पर महीने में दो बार स्वच्छता अभियान चलाया जाए।

शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने सरपंचों को भेजे पत्र में उल्लेख किया कि जिन विद्यालयों में हमारे बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं, उस विद्या के मंदिर की साफ-सफाई हमारा नैतिक कर्तव्य बनता है। इसलिए स्वच्छता अभियान को सफल बनाने में ग्राम पंचायतें बढ़-चढक़र हिस्सा लें। शिक्षा मंत्री ने ग्राम पंचायतों को लिखे पत्र में प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने का सुझाव भी मांगे। उन्होंने उल्लेख किया कि देशभर में हरियाणा एक ऐसा राज्य है, जहां पर पढ़ी-लिखी पंचायतें हैं, जोकि ग्रामीण विकास की रफ्तार को तेजी में अपना योगदान दे रही हैं। पढ़े-लिखे युवा सरपंचों का विजन गांवों में अत्याधुनिक सुविधाएं मुहैया करवाने के साथ विकास कार्यों में अलग पहचान बनाना भी है।

शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने राजकीय स्कूलों में दाखिला बढ़ाने के लिए शिक्षकों काे निर्देश जारी किए हैं। गर्मियों की छुट्टियों में सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए शिक्षक 10-10 दिन गांवों व शहरों में घर-घर जाना होगा। बता दें कि प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों में 1200 सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या घटी है। विशेषकर उन स्कूलों में जहां पर कई शिक्षक पांच से लेकर 10 साल से कार्यरत हैं। शिक्षा मंत्री ने ऐसे शिक्षकों को जीरो ड्रॉप आउट के साथ विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने का लक्ष्य दिया है।

—————

(Udaipur Kiran) शर्मा

Most Popular

To Top