जयपुर, 11 जुलाई (Udaipur Kiran) । पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि ग्राम पंचायतों को स्वयं के स्वामित्व की आबादी भूमि के ही पट्टे जारी किये जाने का अधिकार है।
पंचायतीराज मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों के पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि किसान अपने खेत में 500 वर्ग गज तक का मकान निर्मित कर सकता है, लेकिन कृषि भूमि होने के कारण इसका पट्टा दिए जाने का प्रावधान नहीं है। ग्राम पंचायत द्वारा केवल आबादी भूमि के ही पट्टे दिये जा सकते हैं। ग्राम पंचायत को कृषि भूमि को आबादी भूमि में रूपान्तरित करने का अधिकार नहीं है।
इससे पहले विधायक भागचन्द टांकडा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में पंचायती राज मंत्री ने कहा कि राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम, 1956 की धारा-90(ए) कृषि भूमि का अकृषि प्रयोजनों के लिए उपयोग से संबंधित है। जबकि राज्य में ग्राम पंचायतों को राजस्थान पंचायती राज नियम, 1996 के तहत स्वयं के स्वामित्व की आबादी भूमि के ही पट्टे जारी किये जाने का अधिकार प्राप्त है। यदि धारा-90(ए) के तहत कृषि भूमि को आबादी में रूपान्तरित किया जाता है तथा उक्त रूपान्तरित आबादी भूमि राजस्व रिकॉर्ड में संबंधित ग्राम पंचायत के नाम दर्ज करवा दी जाती है, तो ऐसी भूमि का पट्टा संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा वर्तमान प्रावधानों के तहत दिया जा सकता है। इसलिए शहरी निकायों की भांति ऐसा प्रावधान किये जाने की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है।
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(Udaipur Kiran) / संदीप माथुर / पवन कुमार श्रीवास्तव