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जयपुर, 17 जनवरी (Udaipur Kiran) । राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा है कि राष्ट्र प्रथम की सोच रखते हुए हमें विकसित भारत के लिए मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र है तो हम हैं। यही शाश्वत दृष्टि भारत को फिर से विश्वगुरु बनाएगी।
बागडे शुक्रवार को ’द ढूँढाड़ टॉक-2025‘ कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी राष्ट्र हित को अपना परम कर्तव्य मानते हुए देश के विकास में सहभागी बने। उन्होंने कहा कि राष्ट्र कोई भूमि का टुकड़ा नहीं, बल्कि विचार है। सनातन भारत की दृष्टि उदात्त जीवन मूल्यों में है। साथ ही कहा कि व्यक्ति अपने लिए ही नहीं, सर्वस्व कल्याण की सोच रखता है तभी सर्वांगीण विकास की ओर आगे बढ़ता है।
उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के देश को गुलाम बनाने के बाद औपनिवेशिक शासकों ने न केवल भारत का आर्थिक शोषण किया, बल्कि इसके सामाजिक ताने-बाने को भी नष्ट करने का प्रयास किया। उन्होंने आजादी के बाद देश में हुई तरक्की की चर्चा करते हुए कहा कि जब राष्ट्र प्रथम होता है तब देश में बड़े फैसले होते है।
राज्यपाल ने कहा कि अटल बिहारी जब प्रधानमंत्री थे तब परमाणु परीक्षण हुआ। डॉ. एमएस स्वामीनाथन के नेतृत्व में हरित क्रांति से देश की बड़ी आबादी के खाद्यान्न की व्यवस्था हुई। देश सभी क्षेत्रों में आत्मनिर्भर हुआ। उन्होंने कहा कि देश में प्रथम आम चुनाव से ही प्रत्येक वयस्क को मतदान का अधिकार है जबकि पश्चिमी देशों में सार्वभौमिक मताधिकार पर आरंभिक असमंजस रहा। उन्होंने विविधता में एकता की भारत भूमि की विरासत का संरक्षण करते हुए विकसित राष्ट्र के लिए कार्य करने का आह्वान किया।
इससे पहले राज्यपाल ने हिंदू आध्यात्मिक पद्धति की वैज्ञानिक दृष्टि, वन संरक्षण की भारतीय परंपरा पर प्रदर्शित चित्रों का भी अवलोकन कर उनकी सराहना की।
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(Udaipur Kiran)
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