HimachalPradesh

दिव्यांग भाई बहन के जीवन का सपना राज्यपाल के दिवाली तोहफे ने पूरा किया

दिव्यांग को व्हीलचेयर प्रदान।

शिमला, 26 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल के दिवाली तोहफे ने गंभीर दिव्यांगता वाले भाई -बहन के जीवन में खुशियां भर दी। उन्हें लगा कि जैसे उनके जीवन का एक बड़ा सपना पूरा हो गया। राज्यपाल ने उन्हें ऑटोमेटिक व्हीलचेयर भेंट की हैं।

सोलन जिले की उप-तहसील ममलीग के गांव पांजणी की अनीता (18) और उसका भाई सुनील (21) सेरिब्रल पालसी के कारण जन्म के समय से ही शत प्रतिशत दिव्यांग हैं। अनुसूचित जाति के इस बीपीएल परिवार के मुखिया बाबूराम कुनिहार में दिहाड़ी लगा कर परिवार का भरण पोषण करते हैं। बच्चों को सामान्य व्हीलचेयर देना भी उनके लिए एक सपना था।

उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव ने राज्यपाल को अनीता और सुनील की दिव्यांगता के बारे में बताया। उन्होंने दोनों को बैटरी से चलने वाली व्हीलचेयर देने का अनुरोध किया। राज्यपाल ने संवेदनशीलता दिखाते हुए तुरंत हिमाचल प्रदेश राज्य रेड क्रॉस की ओर से 2 व्हीलचेयर दिए जाने के निर्देश दिए।

अनीता और सुनील की मां बीना देवी ने बताया कि यह दोनों न तो चल फिर सकते हैं और न ही स्पष्ट रूप से बोल पाते हैं। अज्ञानता, गरीबी और दूरदराज के गांव में रहने के कारण माता-पिता उन्हें स्कूल की सुविधा भी नहीं दिला पाए। बचपन से एक ही स्थान पर उन्हें बैठाए रखना पड़ता है। अब घर के साथ थोड़ी सी समतल जगह पर वह व्हीलचेयर से इधर-उधर घूम सकेंगे। व्हीलचेयर पर बैठाए जाने के बाद उनकी खुशी देखने लायक थी।

बाबूराम और बीना का एक और बेटा है जो 12वी करने के बाद नौकरी ढूंढ रहा है। बीपीएल परिवार होने के बावजूद उनका आईआरडीपी कार्ड नहीं बना है जिससे उन्हें अपेक्षाकृत महंगा राशन खरीदना पड़ता है। मीना ने कहा कि दिवाली पर राज्यपाल की ओर से उनके बच्चों को इतना बड़ा उपहार मिलने की कभी उन्होंने कल्पना तक नहीं की थी।

राज्य रेडक्रॉस के सहायक सचिव संजीव शर्मा के अनुसार राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल बीपीएल परिवारों के गंभीर रूप से दिव्यांग लोगों को करीब 20 ऑटोमेटिक व्हीलचेयर भेंट कर चुके हैं।

ऑटोमेटिक व्हीलचेयर देने के लिए रेड क्रॉस की ओर से वीरेंद्र बिष्ट के अलावा उमंग फाउंडेशन की ओर से प्रो. श्रीवास्तव, विनोद योगाचार्य, राजेश कश्यप और स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता सोहनलाल परिहार भी अनीता और सुनील के घर गए।

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(Udaipur Kiran) शुक्ला

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