Assam

महाशिवरात्रि पर राज्यपाल ने भीमाशंकर मंदिर में की पूजा-अर्चना

गुवाहाटी के पामोही स्थित भीमाशंकर मंदिर में बुधवार को महाशिवरात्रि के अवसर पर परिवार के साथ पूजा-अर्चना करते राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य
गुवाहाटी के पामोही स्थित भीमाशंकर मंदिर में बुधवार को महाशिवरात्रि के अवसर पर परिवार के साथ पूजा-अर्चना करते राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य

गुवाहाटी, 26 फरवरी (Udaipur Kiran) । महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने राज्य की प्रथम महिला कुमुद देवी के साथ बुधवार को गुवाहाटी के पामोही स्थित भीमाशंकर मंदिर में पूजा-अर्चना की। आचार्य ने समाज के सभी वर्गों की खुशहाली और समृद्धि के लिए प्रार्थना भी की।

इस मौके पर राज्यपाल आचार्य ने शिवरात्रि के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान शिव की पूजा ध्यान, प्रार्थना और उपवास का प्रतीक है। महाशिवरात्रि का यह पवित्र अवसर भगवान शिव से जुड़े नैतिकता और गुणों पर चिंतन करने के महत्व को भी रेखांकित करता है। आचार्य ने उम्मीद जताई कि इस त्योहार से जुड़ी भक्ति भावनाएं लोगों को ईमानदारी, दान और क्षमा के मूल्यों को अपनाने के लिए प्रेरित करती हैं। उनका मानना है कि यह उत्सव लोगों को भगवान शिव के सार और महानता को समझने में मदद करेगा।

(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय

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महाशिवरात्रि पर राज्यपाल ने भीमाशंकर मंदिर में की पूजा-अर्चना

गुवाहाटी के पामोही स्थित भीमाशंकर मंदिर में बुधवार को महाशिवरात्रि के अवसर पर परिवार के साथ पूजा-अर्चना करते राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य
गुवाहाटी के पामोही स्थित भीमाशंकर मंदिर में बुधवार को महाशिवरात्रि के अवसर पर परिवार के साथ पूजा-अर्चना करते राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य

गुवाहाटी, 26 फरवरी (Udaipur Kiran) । महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने राज्य की प्रथम महिला कुमुद देवी के साथ बुधवार को गुवाहाटी के पामोही स्थित भीमाशंकर मंदिर में पूजा-अर्चना की। आचार्य ने समाज के सभी वर्गों की खुशहाली और समृद्धि के लिए प्रार्थना भी की।

इस मौके पर राज्यपाल आचार्य ने शिवरात्रि के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान शिव की पूजा ध्यान, प्रार्थना और उपवास का प्रतीक है। महाशिवरात्रि का यह पवित्र अवसर भगवान शिव से जुड़े नैतिकता और गुणों पर चिंतन करने के महत्व को भी रेखांकित करता है। आचार्य ने उम्मीद जताई कि इस त्योहार से जुड़ी भक्ति भावनाएं लोगों को ईमानदारी, दान और क्षमा के मूल्यों को अपनाने के लिए प्रेरित करती हैं। उनका मानना है कि यह उत्सव लोगों को भगवान शिव के सार और महानता को समझने में मदद करेगा।

(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय

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