– जॉब क्रिएटर बनें विद्यार्थी, किताबों से परे वास्तविक जीवन में बनाएं पहचान – क्वॉन्टम विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने की शिरकत
हरिद्वार, 30 नवंबर (Udaipur Kiran) । राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने शनिवार को क्वॉन्टम विश्वविद्यालय रुड़की के चौथे दीक्षांत समारोह में छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक, ऑल राउंड परफॉर्मेंस के लिए प्रेसीडेंसी मेडल एवं डिग्रियां प्रदान किए। साथ ही उत्कृष्ट कार्य करने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।
राज्यपाल ने कहा कि आज का युवा अत्यधिक ऊर्जावान है। उन्होंने इस ऊर्जा के साथ राष्ट्र के विकास में योगदान देने का आह्वान किया और कहा कि इस पीढ़ी को राष्ट्र, समाज और परिवार के सपनों को पूरा करना है। आज का समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स का है। हमें अपनी सांस्कृतिक विरासत और आधुनिक तकनीक को साथ लेकर चलना है। राज्यपाल ने मेडल पाने वाले में छात्राओं की अधिक संख्या को देखते हुए इसे महिला सशक्तीकरण का अच्छा उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि महिलाएं लगातार आगे बढ़ते हुए राष्ट्र के विकास में अपना पूर्ण योगदान दे रही हैं।
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दिशा में कार्य करने के लिए अपने परिसर में विशेष व्यवस्था की है, यह छात्र-छात्राओं के लिए एआई की दिशा में अच्छा कदम है। उन्होंने विद्यार्थियों को जॉब क्रिएटर बनने की बात कही और कहा कि किताबों से परे वास्तविक जीवन में भी अपनी पहचान बनानी पड़ेगी। उन्होंने छात्र-छात्राओं से अनगिनत और असीमित सपने देखने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि सपने देखो और उन्हें पूरा करने में जुट जाओ। राज्यपाल ने सभी विद्यार्थियों से जोश के साथ विशेषज्ञता पर फोकस करने को कहा। साथ ही नशे और ड्रग्स से दूरी बनाए रखने की बात कही।
राज्यपाल ने कहा कि सीखना एक सतत प्रक्रिया है, हमें जीवनभर सीखना है। हमें अपनी कम्युनिकेशन स्किल्स को लगातार अपग्रेड करना चाहिए। उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए अपने गुरुजनों एवं माता-पिता के सपनों पर खरा उतरने की बात कही।
इस अवसर पर विधायक प्रदीप बत्रा, ममता राकेश, जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह, एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल, क्वॉन्टम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विवेक कुमार, विश्वविद्यालय के संस्थापक श्याम सुंदर गोयल सहित विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला