Uttrakhand

राज्यपाल ने पूर्व मुख्यमंत्री निशंक की पुस्तक ‘राष्ट्रीय एकता और हिंदी भाषा’ का किया विमोचन

पुस्तक विमाेचन करते राज्यपाल गुरमीत सिंह (पगड़ी में)।

– यूटीयू द्वारा विकसित ‘उत्तराखंड यूनिवर्सिटी कनेक्ट’ डैशबोर्ड का लोकार्पण

– कॉफी टेबल ‘एडवेंट ऑफ एडवांस्ड एडमिनिस्ट्रेटिव इंटेलिजेंस’ का विमोचन

देहरादून, 17 सितंबर (Udaipur Kiran) । राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने मंगलवार को राजभवन में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ द्वारा लिखित पुस्तक ‘राष्ट्रीय एकता और हिंदी भाषा’ का विमोचन किया। साथ ही वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय (यूटीयू) की ओर से विकसित ‘उत्तराखंड यूनिवर्सिटी कनेक्ट’ डैशबोर्ड का भी राज्यपाल ने लोकार्पण किया।

वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय (यूटीयू) ने पूर्व में यूनिवर्सिटी कनेक्ट मोबाइल एप विकसित किया था, जिसे अब डेस्कटॉप और मोबाइल एप दोनों के लिए अपग्रेड किया गया है। इस एप से विश्वविद्यालयों में चलाए जा रहे पाठ्यक्रम, संकाय, प्रवेश, नामांकन, बजट, शिक्षक, कर्मचारी, छात्र, एमओयू, उपलब्धियां, प्रशिक्षण और प्लेसमेंट, प्रशिक्षण कार्यक्रम, बुनियादी सुविधाएं आदि के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी संग्रहित की जाएगी।

राज्यपाल ने यूकॉस्ट द्वारा प्रकाशित कॉफी टेबल ‘एडवेंट ऑफ एडवांस्ड एडमिनिस्ट्रेटिव इंटेलिजेंस’ का भी विमोचन किया। कॉफी टेबल बुक में राजभवन में राज्यपाल के मार्ग—निर्देशन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में किए गए अभिनव प्रयासों के बारे में जानकारी उपलब्ध है। राज्यपाल ने राजभवन में एआई और टेक्नोलॉजी से संबंधित कई नवाचार किए हैं, जिनमें उत्तराखंड कॉलेज एफिलिएशन पोर्टल, यूनिवर्सिटी कनेक्ट और यूनिसंगम मोबाइल एप, राजभवन का एआई ऑटोमेशन सिस्टम, मैत्री चैटबॉट, चारधाम यात्रा डैशबोर्ड, इन्वेंटरी सिस्टम आदि है। इसे कॉफी टेबल में अंकित किया गया है।

इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि हिंदी भारत की आत्मा ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय एकता और अखंडता का प्रतीक भी है। हिंदी आत्मीयता की भाषा के साथ भारतीय संस्कृति को प्रतिबिंबित करती है। उन्होंने पुस्तक के लेखन और हिंदी को देश—विदेश में प्रचारित करने के लिए डॉ. ‘निशंक’ को बधाई दी।

राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान में तकनीकी और एआई का महत्व अभूतपूर्व रूप से बढ़ गया है। तकनीक ने जीवन के हर पहलू को प्रभावित किया है। चाहे वह शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार हो या मनोरंजन। इसके मद्देनजर राजभवन में एआई और तकनीकी पर आधारित कई पहल शुरू की गई है। उन्होंने यूकॉस्ट को कॉफी टेबल बुक बनाने के लिए बधाई दी और कहा कि इससे लोगों की टेक्नोलॉजी के प्रति रूचि बढ़ेगी।

राज्यपाल ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के युग में डैशबोर्ड और मोबाइल एप उपयोगकर्ताओं को जानकारी प्रदान करके निर्णय लेने में सुधार और दक्षता बढ़ाकर विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यूटीयू द्वारा तैयार यह डैशबोर्ड और एप सभी राज्य विश्वविद्यालयों के बारे में जानकारी साझा करने व उनके साथ राजभवन के बीच संचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

हिंदी से होकर ही गुजरता है विश्व गुरु बनने का रास्ता : निशंक

पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा कि हिंदी भारत की आत्मा है। हिंदी में ज्ञान, विज्ञान और अनुसंधान समाहित है। उन्होंने कहा कि यह हमें एक सूत्र में पिरोती है। देश की आजादी में हिंदी के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। विश्व गुरु बनने का रास्ता हिंदी से होकर ही गुजरता है। कार्यक्रम में यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत ने कॉफी टेबल बुक के बारे में जानकारी दी। कुलपति यूटीयू प्रो. ओंकार सिंह ने डैशबोर्ड के संबंध में अवगत कराया।

इस दौरान राज्यपाल सचिव रविनाथ रामन, अपर सचिव स्वाति एस भदौरिया, डॉ. योगेंद्र नाथ ‘अरूण’, दून विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल, श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एनके जोशी, आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अरूण कुमार त्रिपाठी, संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र शास्त्री आदि उपस्थित थे।

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(Udaipur Kiran) / कमलेश्वर शरण

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