– जनता की सक्रिय भागीदारी से असम से टीबी को खत्म करने का भरोसा जताया
गुवाहाटी, 7 दिसंबर (हिस.)। प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप, 2025 तक टीबी को खत्म करने की असम की प्रतिबद्धता दोहराते हुए राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने आज यहां जीएमसीएच ऑडिटोरियम में 100 दिवसीय सघन टीबी उन्मूलन अभियान की शुरुआत की।
गौरतलब है कि टीबी से निपटने के लिए देश से इसे पूरी तरह खत्म करने के उद्देश्य से, आज से 100 दिवसीय विशेष अभियान की शुरुआत हुई है, जिसका फोकस टीबी से अधिक प्रभावित जिलों पर है। कार्यक्रम के तहत बेहतर दवाओं और निदान के साथ-साथ रोगी सहायता राशि को भी दोगुना कर दिया गया है। 100 दिवसीय अभियान असम के 17 उच्च प्राथमिकता वाले जिलों को लक्षित करेगा और इसमें उच्च बोझ वाले क्षेत्रों का मानचित्रण, चाय बागानों, मलिन बस्तियों और खनन क्षेत्रों में कमजोर आबादी की पहचान, व्यापक जांच अभियान (निक्षय शिविर) और संसाधन जुटाने तथा जागरूकता बढ़ाने के लिए जन भागीदारी को बढ़ावा देने जैसी गतिविधियां शामिल हैं।
इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल आचार्य ने टीबी के सामाजिक आर्थिक बोझ पर प्रकाश डाला, जो मुख्य रूप से समाज के गरीब वर्गों को प्रभावित करता है। उन्होंने असम में राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के कार्यान्वयन को अभूतपूर्व सफल बनाने के लिए समुदाय द्वारा संचालित प्रयासों के महत्व पर जोर दिया। टीबी उपचार के संबंध में राज्य की उपलब्धियों को बताते हुए राज्यपाल ने कहा कि टीबी के कीटाणुओं से सफलतापूर्वक उपचारित होने वाले रोगी इस अभियान के दौरान टीबी चैंपियन के रूप में कार्य करेंगे। उन्होंने असम के अभिनव उपायों पर भी प्रकाश डाला, जिसमें आयुष्मान भारत कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों में टीबी सेवाओं का एकीकरण, चाय बागान क्षेत्रों में मुफ्त टीबी उपचार और चर क्षेत्रों में नाव क्लीनिकों के माध्यम से टीबी का पता लगाना, गर्भवती महिलाओं में टीबी की प्रारंभिक पहचान और प्रबंधन जैसी विशेष पहल शामिल हैं।
राज्यपाल ने प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत निक्षय मित्र अभियान के प्रयासों की भी सराहना की, जिसमें कॉर्पोरेट और सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं की व्यापक भागीदारी देखी गई है, जिसमें 8,200 से अधिक निक्षय मित्र इसी बीच ही पंजीकृत हो चुके हैं। ऑयल इंडिया, ओएनजीसी, गेल इंडिया और पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया जैसे संगठनों के योगदान ने टीबी रोगियों को महत्वपूर्ण पोषण और उपचार सहायता प्रदान की है।
आचार्य ने पूर्वोत्तर में टीबी उन्मूलन प्रयासों का नेतृत्व करने में असम की क्षमता पर विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि एक साथ मिलकर हम टीबी को समाप्त कर सकते हैं और करेंगे। असम क्षय रोग के खिलाफ इस लड़ाई में एक उदाहरण स्थापित करेगा।
कार्यक्रम में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण आयुक्त एवं सचिव डॉ. अशोक बाबू, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के एमडी डॉ. लक्ष्मणन एस, जीएमसीएच के प्रिंसिपल डॉ. अच्युत बैश्य, स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक डॉ. उमेश फांगसो के साथ-साथ कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश