
गुवाहाटी, 10 मई (Udaipur Kiran) । नशा मुक्त, स्वस्थ और शांतिपूर्ण समाज बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने आज नशा मुक्त भारत अभियान (एनएमबीए) की शुरुआत की। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विद्यालय (राजयोग शिक्षा) के चिकित्सा विंग द्वारा आयोजित इस पहल का आज गुवाहाटी में ब्रह्माकुमारी उप-क्षेत्र केंद्र में उद्घाटन किया गया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने न केवल एक सामाजिक हस्तक्षेप के रूप में बल्कि एक महत्वपूर्ण राष्ट्र निर्माण पहल के रूप में अभियान के महत्व पर जोर दिया। “नशा मुक्त भारत अभियान एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मिशन है। इसका प्राथमिक लक्ष्य नशीली दवाओं और मादक द्रव्यों के सेवन के हानिकारक प्रभावों के बारे में व्यापक जागरूकता बढ़ाना है, खासकर युवाओं और छात्रों के बीच।”
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2047 तक नशा मुक्त भारत की कल्पना की है, जो देश की स्वतंत्रता की शताब्दी को असाधारण और अद्वितीय वर्ष के रूप में चिह्नित करेगा। उन्होंने कहा, राष्ट्र का यह सामूहिक संकल्प उज्ज्वल भविष्य और मजबूत, आत्मनिर्भर भारत की नींव रख रहा है।
असम के सक्रिय रुख पर प्रकाश डालते हुए राज्यपाल ने मादक पदार्थों की तस्करी और मादक द्रव्यों के सेवन के खिलाफ सरकार की शून्य सहनशीलता नीति की प्रशंसा की।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी के प्रयासों की सराहना करते हुए राज्यपाल आचार्य ने जन भागीदारी के महत्व पर जोर दिया। केवल सरकारी पहल ही पर्याप्त नहीं है। व्यक्तिगत, सामाजिक और सामुदायिक स्तर पर जागरूकता फैलाना आवश्यक है। युवाओं को मादक पदार्थों की लत के विनाशकारी प्रभावों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए और एक मजबूत जमीनी स्तर का आंदोलन खड़ा करना चाहिए, राज्यपाल ने कहा।
आचार्य ने देश भर में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने और लाखों लोगों तक नशामुक्ति का संदेश पहुंचाने के लिए ब्रह्माकुमारी के प्रयासों की सराहना की। राज्यपाल ने कहा, सामाजिक सद्भाव, मानवीय मूल्यों और राष्ट्रीय जागृति के लिए उनके काम, खास तौर पर राजयोग ध्यान के माध्यम से लोगों को आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनाया है ताकि वे सकारात्मकता और उद्देश्यपूर्ण जीवन जी सकें।
उन्होंने ब्रह्माकुमारी और समाज के सभी वर्गों से इस अभियान को आगे बढ़ाने का आह्वान किया। इस अभियान को जन आंदोलन बनाना चाहिए। हम सब मिलकर नशे की लत को हरा सकते हैं और आने वाली पीढ़ियों के स्वास्थ्य और भलाई के लिए नशा मुक्त भारत का निर्माण कर सकते हैं।
(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय
