Uttrakhand

राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह में छात्रों को दिए संकल्प और आत्मविश्वास के मंत्र

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय, हल्द्वानी के नवम दीक्षांत समारोह को संबोधित करते।
उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय, हल्द्वानी के नवम दीक्षांत समारोह।

देहरादून/हल्द्वानी, 04 जनवरी (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय, हल्द्वानी के नवम दीक्षांत समारोह में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) गुरमीत सिंह ने छात्रों को संबोधित करते हुए आत्मविश्वास और संकल्प का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि खुद के आत्मविश्वास को पहचानिए, विकल्पों की कोई कमी नहीं है, कमी है तो संकल्प की। एक बार संकल्प ले लिया, तो सफलता निश्चित है।

समारोह के दौरान राज्यपाल ने 20 शिक्षार्थियों को विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक, 02 को कुलाधिपति स्वर्ण पदक, 13 को पीएचडी की उपाधि और 03 को प्रायोजित स्वर्ण पदक प्रदान किए। इसके अलावा, वर्ष 2023-24 के 17084 शिक्षार्थियों की उपाधियां डिजिलॉकर पर लाइव उपलब्ध कराई गईं। डॉ. हेमचन्द्र को डी.लिट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया, जबकि प्रो. ओम प्रकाश सिंह नेगी को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। इस समारोह में राज्‍यपाल ने पुस्‍तक उड़ान का विमाेचन किया।

इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि यह केवल एक दीक्षांत समारोह कार्यक्रम नहीं है बल्कि एक ज्ञान, परिश्रम और साधना प्राप्त सभी उपलब्धियों का उत्सव है। यह केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है बल्कि यह राष्ट्र के भविष्य को सशक्त करने की दिशा में एक ठोस कदम है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड सिल्वर जुबली वर्ष मना रहा है इस नए वर्ष में हमने नए संकल्प लेने है जिससे प्रदेश एवं राष्ट्र की उन्नति में द्योतक हो।

उन्होंने कहा कि अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि आज यहां उपाधि प्राप्त करने वालों में छात्राओं की संख्या अधिक है। यह दर्शाता है कि सरकार की ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के संकल्प की सिद्धि के रूप में परिलक्षित हो रही है। उन्होंने कहा कि बेटियां आज जिस तरह से मुकाम हासिल कर रही है जल्द ही सन् 2047 में भारत विकसित राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर हो रहा है और यह मुकाम जरूर हासिल होगा।

राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की सराहना करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय दिव्यांगजनों के लिए अनेक कार्यक्रम संचालित कर रहा है। उच्च शिक्षा की पहुंच को बढ़ाने में दूरस्थ शिक्षा की सराहनीय भूमिका रही है। दूर-दराज के इलाकों, ग्रामीण क्षेत्रों और आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि के छात्रों को उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान करने में इस विश्वविद्यालय ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

उन्होंने कहा कि शिक्षा ज्ञान एवं जानकारियों का संचय नहीं है। अपने समर्पण से ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के उत्थान के लिए कार्य करें, समाज के सबसे कमजोर वर्गों को विकास की मुख्यधारा में लाएं।

इस मौके पर सचिव उच्च शिक्षा रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि उत्तराखंड राज्य देश का प्रथम राज्य है। जिसने नई शिक्षा नीति (एनईपी-2020) को लागू किया है। प्रदेश के उच्च शिक्षा संस्थानों में 5-जी इंटरनेट, वाई-फाई सेवा, ई-ग्रंथालय के साथ-साथ पुस्तकों एवं शिक्षकों की संपूर्ण उपलब्धता सुनिश्चित करना प्रमुख लक्ष्य है।

कुलपति प्रो.ओम प्रकाश सिंह नेगी ने सभी का अभिवादन किया और उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय अपनी प्रगति यात्रा के 21 वें वर्ष में चल रहा है। मुक्त विश्वविद्यालय में 14 विद्या शाखाओं के भीतर 94 पाठ्यक्रमों का संचालन कर रहा है। उन्होंने कहा विश्वविद्यालय में विभिन्न कौशल एवं रोजगारपरक कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। विश्वविद्यालय ने 05 गांव गोद लिए है। जिसके अंतर्गत गोद लिए गांवों में शिक्षा, कम्प्यूटर जागरूकता से संबंधित अनेक कार्य किए जा रहे हैं।

कार्यक्रम में जिलाधिकारी वंदना, प्रो, दुर्गेश पंत, आरसी बिंजोला, सिटी मजिस्ट्रेट एपी बाजपेयी, उपजिलाधिकारी पारितोष वर्मा के साथ ही मुक्त विश्वविद्यालय कुलसचिव खेमराज भट्ट, विश्वविद्यालय के समस्त शाखाओं के निदेशक, प्राध्यापक एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार

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