जयपुर/उदयपुर, 3 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । राज्यपाल एवं कुलाधिपति हरिभाऊ बागडे ने गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया की उपस्थिति में उदयपुर में आयोजित मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के 32 वें दीक्षांत समारोह में भाग लेकर विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी।
बागडे ने समारोह में पदक एवं उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को उज्ज्वल भविष्य के लिए बधाई देते हुए कहा कि दीक्षांत विद्यार्थी जीवन का अनमोल पर्व है। विद्यार्थी विश्वविद्यालय में सीखे हुए ज्ञान का उपयोग राष्ट्र के विकास और समृद्धि में करें। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी ऐसा काम करें जिससे उनकी पहचान बन जाए, हर कदम ऐसा रखें कि निशान बन जाए और जिंदगी जीने हो तो ऐसी जिए की मिसाल बन जाए।बागडे ने नई शिक्षा नीति की चर्चा करते हुए कहा कि उसे अपने जीवन में लागू करे। विद्यार्थी का इससे चहूंमुखी विकास संभव है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान के सभी विश्वविद्यालयों में नेक रैंकिंग हो इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने प्राचीन भारतीय शिक्षा पद्धति की चर्चा करते हुए कहा कि दशमव् का आविष्कार भारत में भास्कराचार्य द्वारा हुआ। भारत ज्ञान का आरंभ से ही केंद्र रहा है।इससे पहले बागडे ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के साथ विद्यार्थियों को प्रदत्त उपाधियां और पदक प्रदान करने में भी सहयोग किया।इससे पहले राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के गुरुवार को उदयपुर पहुंचने पर डबोक हवाईअड्डे पर पुष्पगुच्छ भेंट कर अभिनंदन करते हुए भावभरी अगवानी की।
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(Udaipur Kiran)