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पंडित दीनदयाल का जीवन बना प्रेरणा स्रोत: राज्यपाल बागड़े

पंडित दीनदयाल का जीवन बना प्रेरणा स्रोत: राज्यपाल बागड़े

उदयपुर, 5 जून (Udaipur Kiran) । राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जीवन आज भी देशवासियों के लिए प्रेरणा स्रोत है।

वे गुरुवार को भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय में आयोजित ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय: एकात्म मानव दर्शन – हीरक जयंती समारोह’के समापन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।

राज्यपाल ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के साथ बिताए पलों को याद करते हुए कहा कि वे असाधारण मेधा के धनी थे, जिनकी सभी परीक्षाओं में प्रथम स्थान पर आने की क्षमता थी। उन्होंने बच्चों के लिए इतिहास लेखन करते हुए ‘चंद्रगुप्त मौर्य’ पर पुस्तक लिखी। रेल से सामान्य वेश में यात्रा करना और दरिद्र नारायण की सेवा में विश्वास रखना उनके जीवन के मूल तत्व थे।

कार्यक्रम में सहकारिता मंत्री गौतम दक ने ‘एकात्म मानव दर्शन’ को आज की सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों में भी प्रासंगिक बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं को दीनदयाल उपाध्याय के ‘अंत्योदय’ विचार से जोड़ा और पूर्व मुख्यमंत्री भैरोसिंह शेखावत की ‘काम के बदले अनाज’ योजना तथा वर्तमान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की ‘गरीब को गणेश मानकर सेवा’ की भावना की सराहना की।

समारोह में एकात्म मानव दर्शन पर गहन चिंतन हुआ, जिसमें प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा, डॉ. बजरंग लाल गुप्ता, प्रचारक गुणवंत कोठारी सहित अन्य विद्वानों ने विचार प्रस्तुत किए। विचारक मुकुल कानितकर ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान नहीं, बल्कि समग्र विकास की चेतना होनी चाहिए।

कार्यक्रम के दौरान पंडित दीनदयाल उपाध्याय प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता 2025 के विजेताओं को सम्मानित किया गया, जिसमें 378 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

राज्यपाल ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के 1964 के भाषण के साक्षी रहे एडवोकेट खूबीलाल सिंघवी, बंशीलाल गदिया और पन्नालाल शर्मा को सम्मानित किया। कार्यक्रम में बी.एन. संस्थान अध्यक्ष मोहब्बत सिंह, कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवत, डॉ. सुनीता मिश्रा, महेंद्र सिंह आगरिया सहित अनेक गणमान्य उपस्थित रहे। समारोह में राज्यपाल को पुलिस जवानों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया।

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(Udaipur Kiran) / सुनीता

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