Uttrakhand

राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियाें काे दीं लोकपर्व ‘इगास’ की शुभकामनाएं

उत्तराखंड के राज्यपाल  गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी।

-अपने गांव-घर जाकर इस पर्व को पूरे उत्साह के साथ मनाएं: राज्यपाल

-मुख्यमंत्री ने परम्पराओं और लोक संस्कृति को आगे बढ़ाने का किया आह्वान

देहरादून, 11 नवंबर (Udaipur Kiran) । राज्यपाल जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को उत्तराखंड के लोकपर्व इगास की शुभकामनाएं दी हैं। उन्हाेंने लोक संस्कृति व परम्परा काे देवभूमि की पहचान बताया। ऐसे पर्व काे युवा पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ने की प्रेरणा देने वाला बताया।

साेमवार काे राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने जारी अपने संदेश में कहा कि यह हम सभी का सौभाग्य है कि देवभूमि उत्तराखंड की लोक कला, संस्कृति और परंपराएं अत्यंत समृद्ध हैं। उत्तराखंड अपनी प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ अपने विशिष्ट लोक नृत्यों, त्याेहारों और मेलों से अपनी अनोखी पहचान बनाए हुए है। राज्यपाल ने कहा कि राज्य स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में सभी प्रदेशवासियों से अपनी बोली-भाषा के संरक्षण और गांव से जुड़ने का आग्रह किया था। यह हम सभी के लिए जरूरी है कि हम अपने गांव-घर जाकर इस पर्व को पूरे उत्साह के साथ मनाएं और अपनी सांस्कृतिक धरोहर का सम्मान करते हुए इगास-बग्वाल की परंपरा को जीवंत बनाए रखें।

युवा पीढ़ी अपनी लोक संस्कृति और लोक पर्वों से जुड़े: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को इगास पर्व, बूढ़ी दीपावली की बधाई शुभकामनाएं देते हुए कहा कि किसी भी राज्य की लोक संस्कृति एवं लोक परम्परा उस राज्य की आत्मा होती है। इसमें इगास का पर्व भी शामिल है। हमारे लोक पर्व एवं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत सामाजिक जीवन में जीवंतता प्रदान करने का कार्य करते हैं।

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपनी लोक संस्कृति एवं लोक परम्पराओं को आगे बढ़ाने में सहयोगी बनने की अपील की। उन्होंने कहा कि जिस तरह से संपूर्ण देश में सांस्कृतिक विरासत और गौरव की पुनर्स्थापना हो रही है, उसी तरह उत्तराखंडवासी अपने लोकपर्व इगास को आज बडे़ उत्साह से मना रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के अमृत काल में पंच प्रण के संकल्पों में से एक संकल्प यह है कि हम अपनी विरासत और संस्कृति पर गर्व करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे लोग इगास पर्व पर अपनी परम्पराओं के साथ अपने पैतृक गांवों से भी जुड़ सके। इसके लिए राज्य में इगास पर्व पर सार्वजनिक अवकाश की परम्परा शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि हमारी युवा पीढ़ी अपनी लोक संस्कृति और लोक पर्वों से जुड़े इसके भी प्रयास होने चाहिए।

मुख्यमंत्री ने प्रवासी उत्तराखंडवासियों से भी अनुरोध किया कि वे भी अपने लोक पर्व को अपने गांव में मनाने का प्रयास करें और प्रदेश के विकास में सहभागी बने। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों की सुख-शांति एवं समृद्धि की भी कामना की है।

(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार

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