Uttrakhand

राज्यपाल और मुख्यमंत्री की शिक्षक दिवस पर शुभकामनाएं, बाेले- शिक्षकों के सद्प्रयासों से शिक्षा के क्षेत्र में नित नई उपलब्धियां हासिल करेगा भारत

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी।

देहरादून, 04 सितंबर (Udaipur Kiran) । राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने शिक्षक दिवस पर बुधवार को सभी शिक्षकों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। राज्यपाल ने कहा कि ये अवसर महान शिक्षक-दार्शनिक और भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती का प्रतीक है। राज्यपाल ने स्व. राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि दी।

राज्यपाल ने कहा कि यह दिन शिक्षकों की कठिन मेहनत, समर्पण और उनके अमूल्य योगदान को सम्मानित करने एवं उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का अवसर है। देश के विकास और प्रगति में शिक्षकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। उनकी शिक्षाओं और मार्गदर्शन से ही बच्चे और युवा भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के योग्य बनते हैं। इस अवसर पर राज्यपाल ने सभी शिक्षकों से अनुरोध किया कि वे ऐसे भावी नागरिक तैयार करने में सफल हों जो मन, वचन और कर्म से राष्ट्र की भलाई के लिए काम करने वाले हों। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के सद्प्रयासों से भारत शिक्षा के क्षेत्र में नित नई उपलब्धियां हासिल करेगा।

वही देश और समाज आगे बढ़ते हैं जहां गुरूजनों का सम्मान होता है : धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षक दिवस पर प्रदेश के सभी शिक्षकों को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने पूर्व राष्ट्रपति, शिक्षाविद् एवं दार्शनिक डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन को नमन करते हुए कहा कि शिक्षक सही मायने में राष्ट्र निर्माता हैं। विद्यार्थियों का चरित्र निर्माण कर उन्हें योग्य नागरिक बनाने में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शिक्षक विद्यार्थियों को शिक्षित कर राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान तो देते ही हैं, समाज को नई दिशा में भी उनकी बड़ी भूमिका होती है। राज्य सरकार की ओर से शिक्षा के विकास के लिए संचालित योजनाओं के सफल क्रियान्वयन में भी शिक्षकों की महत्वपूर्ण सहभागिता रहती है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि वही देश और समाज आगे बढ़ते हैं जहां गुरूजनों का सम्मान होता है। हमें अपने गुरूजनों के प्रति श्रद्धा एवं सम्मान की महान भारतीय परंपरा को और अधिक मजबूत बनाना है। मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे गुरुजनों के प्रति श्रद्धा और सम्मान की भारतीय परम्परा का पालन करते हुए श्रेष्ठ नागरिक बनकर देश व प्रदेश के विकास में सहभागी बनें।

(Udaipur Kiran) / कमलेश्वर शरण

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