Uttar Pradesh

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने राज्य में घटते लिंगानुपात पर जताई चिंता

पदाधिकारियों संग बैठक करते राज्यपाल आनंदी बेन पटेल

लखनऊ, 09 जून (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में सोमवार को राजभवन में प्राथमिक शिक्षा विभाग एवं आंगनबाड़ी विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक हुई। राज्यपाल ने प्रदेश में घटते लिंगानुपात पर गहरी चिंता व्यक्त की है। बैठक में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों का उच्चीकरण, प्रदेश में आंगनबाड़ी तथा प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों के नामांकन, ड्रॉपआउट दर को कम करने और लिंगानुपात में सुधार से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर व्यापक चर्चा की गई।

राज्यपाल ने बैठक में कहा कि प्रदेश के सभी जनपदों में कक्षा 01 से 05 तक पढ़ने वाले बच्चों का समय पर नामांकन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि शिक्षा में ड्रॉपआउट दर को कम करने के लिए त्वरित और प्रभावी कदम उठाए जाएं। प्रदेशभर में यह सुनिश्चित किया जाए कि 06 से 10 वर्ष तक के सभी बच्चे विद्यालयों में नामांकित हों, शिक्षा विभाग के जारी शासनादेशों का समुचित और समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए।

राज्यपाल ने प्रत्येक गांव में एक सप्ताह के भीतर बच्चों के नामांकन की विशेष मुहिम चलाने के निर्देश दिये हैं। उच्च अधिकारियों को निर्देशित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले से बच्चों के नामांकन एवं ड्राॅपआउट के आंकड़े एकत्र कर स्थिति की समीक्षा की जाए। उन्होंने शत-प्रतिशत नामांकन की दिशा में समर्पित प्रयास किये जाने की आवश्यकता पर बल दिया। बैठक में राजभवन उच्च प्राथमिक विद्यालय के उच्चीकरण, वर्तमान स्थिति की समीक्षा की भी गई।

राज्यपाल ने प्रदेश में घटते लिंगानुपात पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि निजी अस्पतालों में हो रही प्रसव प्रक्रियाओं की निगरानी की जाए। अस्पतालों से प्रसव संबंधित डेटा की अनिवार्य उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, कन्या भ्रूण हत्या जैसे अपराधों को रोकने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग तथा पुलिस प्रशासन द्वारा सामन्जस्यपूर्ण कार्रवाई की जाये।

बैठक में राज्यपाल ने आंगनवाड़ी अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक पात्र बच्चे का आंगनवाड़ी केंद्र में नामांकन अनिवार्य रूप से किया जाए। बच्चों के भोजन, पोषण, स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण, एवं प्रारंभिक शिक्षा की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित हो। आंगनवाड़ी केंद्रों की नियमित समीक्षा, निरीक्षण एवं निगरानी की जाए।

उन्होंने हाल ही में विभिन्न जिलों के दौरे के अनुभव साझा करते हुए कहा कि जमीनी स्तर पर अनेक समस्याएं विद्यमान हैं, जिन्हें प्राथमिकता से सुलझाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रीमेच्योर डिलीवरी और संस्थागत प्रसव की स्थिति को भी बेहतर करने के लिए रणनीति तैयार की जाए।

राज्यपाल ने स्पष्ट किया कि लिंगानुपात में सुधार और बच्चों के समग्र विकास के​ लिए शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग के बीच सुदृढ़ समन्वय स्थापित किया जाए। उन्होंने कहा कि बेटियों की संख्या में गिरावट बेहद चिंताजनक है और इसके लिए सामाजिक जागरूकता, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार एवं ठोस नीतिगत उपायों की जरूरत है।

(Udaipur Kiran) / दीपक

Most Popular

To Top