
लखनऊ, 28 मई (Udaipur Kiran) । पर्यटन विभाग कम चर्चित पर्यटन स्थलों की ओर श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए ऐसे स्थलों पर शोध कार्य करने के लिए अधिकतम 10 लाख रूपये की आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया है। यह आर्थिक सहायता पहले आओ-पहले पाओ की नीति पर आधारित होगी। इस वर्ष 05 संस्थाओं को शोध के लिए आर्थिक सहायता दी जायेगी।
आर्थिक सहायता प्राप्त करने के लिए इच्छुक संस्थाओं को पर्यटन विभाग के पोर्टल https://up-tourismportal.in/ पर जाकर ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा। इसके लिए 30 जून, 2025 अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी।
जयवीर सिंह ने बताया कि उ0प्र0 को पर्यटन का हब बनाने के लिए पर्यटन नीति-2022 के अंतर्गत आकर्षक प्राविधान किये गये हैं, जिसके तहत पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों को विभिन्न प्रकार की सब्सिडी तथा छूट प्रदान की व्यवस्था की गयी है। अल्पज्ञात पर्यटन स्थलों पर शोध के लिए दी जानी वाली 10 लाख रूपये की धनराशि इसी पर्यटन नीति का हिस्सा है।
उन्होंने बताया कि पर्यटन स्थलों पर शोध किये जाने का उद्देश्य उ0प्र0 में आतिथ्य एवं पर्यटन क्षेत्र से जुड़े विषयों पर शोध कार्य को बढ़ावा देना है। इस शोध के लिए मान्यता प्राप्त यात्रा संघों, होटल यूनियन, चैम्बर ऑफ कामर्स, विश्वविद्यालय, प्रबंध संस्थानों एवं गैर सरकारी संगठन आवेदन के पात्र होंगे।
जयवीर सिंह ने बताया कि इस योजना में पर्यटन, आतिथ्य, प्रबंधन के क्षेत्र से संबंधित शिक्षण संस्थानों और मान्यता प्राप्त आतिथ्य संघों को प्राथमिकता दी जाएगी। इससे शोध की गुणवत्ता और व्यावहारिकता दोनों सुनिश्चित की जा सकेगी। योजना से संबंधित विस्तृत जानकारी के लिए इच्छुक संस्थाएं मोबाइल नंबर-6389300559 पर संपर्क कर सकती हैं।
(Udaipur Kiran) / बृजनंदन
