जयपुर, 21 नवंबर (Udaipur Kiran) । राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने अलवर क्षेत्र में बढ़ते वायु प्रदूषण के भयावह हालात के लिए केंद्र और राज्य सरकार की उदासीनता को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय पर्यावरण, वानिकी एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव और राज्य के वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा, दोनों ही अलवर से जुड़े हैं, लेकिन इसके बावजूद ‘राजस्थान का सिंहद्वार’ अलवर वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या से जूझ रहा है।
जूली ने बताया कि 25 नवंबर को अलवर नगर का 250वां स्थापना दिवस है। इस अवसर पर केंद्र और राज्य सरकार को अरावली अंचल में बसे अलवर क्षेत्र को ‘स्वच्छ, हरित व सुंदर’ बनाने के लिए प्रभावी कार्ययोजना घोषित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अलवर और भिवाड़ी में बिगड़ते एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) पर पहले भी चेतावनी दी गई थी, लेकिन अब भी सरकारें इस पर ध्यान नहीं दे रही हैं।
भिवाड़ी में एक्यूआई 500 तक और अलवर में 300 तक पहुंच चुका है, जिससे लोग सीने और आंखों की जलन जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। जूली ने मांग की कि 25 नवंबर को अलवर के स्थापना दिवस पर वायु प्रदूषण से निपटने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण का प्रभाव पर्यावरण, जल स्रोतों और कृषि परिदृश्य पर भी पड़ रहा है। अरावली क्षेत्र की संवेदनशीलता को देखते हुए अलवर में ‘नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम’ (एनसीएपी) को प्राथमिकता के साथ लागू करना चाहिए।
जूली ने यह भी कहा कि ग्रेप-4 की पाबंदी के चलते खनन, क्रेशर, ईंट भट्टे और निर्माण कार्य बंद हैं, जिससे हजारों दिहाड़ी मजदूर बेरोजगार हो गए हैं। इन परिवारों के लिए केंद्र और राज्य सरकार को राहत कार्य शुरू करने चाहिए, जैसे कि कोरोना महामारी के दौरान राज्य सरकार ने ‘कोई भूखा न सोए’ अभियान चलाया था।
अंत में, जूली ने कहा कि अलवर क्षेत्र को ‘स्वच्छ, हरित और सुंदर’ बनाने के लिए वानिकी कार्यक्रमों, जल संरक्षण, और एनसीएपी की गाइडलाइन्स को प्रभावी रूप से लागू करने की आवश्यकता है।
(Udaipur Kiran) / मनीष कुमार