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सीवेज फार्म में शोधित पानी पर केडीए व नगर निगम विवाद के हल को सरकार ने मांगा समय

इलाहाबाद हाईकाेर्ट्

प्रयागराज, 15 अप्रैल (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानपुर नगर में सीवेज फार्म में एसटीपी से शोधित पानी भेजने व भूमि उपयोग में परिवर्तन को लेकर नगर निगम व कानपुर विकास प्राधिकरण के बीच विवाद का शीघ्र हल निकलने की उम्मीद जताई है। साथ ही इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 13 मई की तारीख लगाई है।

राज्य सरकार की ओर से इसके लिए कोर्ट से समय मांगा गया और बताया गया कि नोटिस जारी कर निगम व प्राधिकरण से दस्तावेज पेश करने को कहा गया है। नगर निगम ने कुछ दिन पहले अपने दस्तावेज सौंपे हैं। प्राधिकरण से दस्तावेज मिलने पर सरकार शीघ्र ही विवाद का निपटारा कर लेगी।

क्रूसेड इंडिया की अध्यक्ष अंजना अग्रवाल की जनहित याचिका की सुनवाई मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली एवं न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र की खंडपीठ कर रही है। कानपुर विकास प्राधिकरण का कहना है कि सीवेज फार्म सीवेज के लिए बनाया गया है। नगर निगम एसटीपी का शोधित पानी भी भेज रहा है। फार्म की क्षमता 200 एमएलडी है और 180 एमएलडी का उपयोग किया जा रहा है।

कोर्ट ने जानना चाहा कि भूमि उपयोग बदला गया है या नहीं। इसका कोई जवाब नहीं मिला। कोर्ट ने कहा कि केडीए द्वारा की जाने वाली किसी कार्यवाही को याचिका के निर्णय की विषयवस्तु करार दिया है। याचिका में दो सवाल उठे हैं पहला यह कि शोधित या गैर शोधित सीवर जल सीवेज फार्म में जा सकता है या नहीं और भूमि उपयोग बदला गया है या नहीं।

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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे

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