Haryana

कृषि उपज खाद, बीज, खेती में उपयोग आने वाली दवाइयों पर से जीएसटी समाप्त करे सरकार : बजरंग गर्ग

व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग व्यापारी प्रतिनिधियों से बात करते हुए।

हिसार, 4 अगस्त (Udaipur Kiran) । हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा है कि कृषि उपज खाद, बीज, खेती में उपयोग आने वाली दवाइयों पर से सरकार को जीएसटी समाप्त करना चाहिए। पहले खाद पर कोई टैक्स नहीं था। सरकार ने खाद पर जीएसटी लगाकर किसानों के साथ ज्यादती करने का काम किया है।

बजरंग गर्ग रविवार को राजपूत धर्मशाला में दि हिसार सीड्स पेस्टीसाइड्स एंड फर्टिलाइजर एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। सम्मेलन में व्यापारियों की समस्या पर विचार किया गया। उन्होंने कहा कि सरकार ने खाद, बीज व खेती में उपयोग आने वाली दवाइयों का जो व्यापारी व्यापार कर रहा है उन पर काफी सख्त नियम बनाए हुए हैं।सरकार को व्यापार करने के लिए नियमों में सरलीकरण करना चाहिए। सरकारी अधिकारी सेवा शुल्क लेने के चक्कर में व्यापारियों को नाजायज तंग करते हैं। सरकार को ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

बजरंग गर्ग ने कहा कि किसी भी अधिकारी ने पैसे खाने के चक्कर में व्यापारियों को नाजायज तंग करने की कोशिश की तो उसे बक्शा नहीं जाएगा। उस अधिकारी के खिलाफ व्यापारी सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगा। उन्होंने कहा कि किसान देश का अन्नदाता है और व्यापारी रीढ़ की हड्डी है, दोनों का चोली दामन का साथ है और हमेशा रहेगा भी। उन्होंने कहा कि सरकार को फसल ऑनलाइन की बजाएं ऑफलाइन पहले की तरह खरीद करनी चाहिए। सरकार ने जो पोर्टल के माध्यम से अनाज खरीदने का नियम बनाया हुआ है उससे किसानों को फसल बेचने के‌ लिए बड़ी भारी दिक्कतें आ रही है। सरकार को किसान‌‌ व आढ़तियों के साथ पोर्टल-पोर्टल नहीं खेलना चाहिए। सरकार को तुरंत प्रभाव से पोर्टल खत्म करना चाहिए और किसान की हर फसल की खरीद, उठान व भुगतान 72 घंटे के अंदर-अंदर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि व्यापारियों को राज्य स्तरीय प्रतिनिधि सम्मेलन 11 अगस्त को पानीपत में होगा। इसमें हरियाणा के हर ट्रेड के व्यापारी प्रतिनिधि भारी संख्या में भाग लेंगे। इस अवसर पर प्रमुख व्यापारी नेता आत्माराम गुप्ता, कुणाल गोयल, लक्ष्मी मित्तल, विनोद गोयल, संदीप गर्ग, रतन कुमार, सुभाष नेहरा, बलदेव अरोड़ा आदि व्यापारी प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर शर्मा

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