– बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए डीएम ने चलाया उत्कर्ष कार्यक्रम
देहरादून, 20 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । अब जिले के सरकारी स्कूल भी काॅन्वेंट विद्यालय की तर्ज पर आधुनिक सुविधाओं से लैस किए जाएंगे।जिला प्रशासन ने दूरस्थ क्षेत्र के अंतिम विद्यालयों तक व्हाइट बोर्ड, एलईडी बल्ब ट्यूब लाइट, फर्नीचर आदि से सुसज्जित करने का निर्णय लिया है। बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए जिलाधिकारी सविन बंसल ने उत्कर्ष कार्यक्रम चलाया है। उत्कर्ष प्रोजेक्ट की डेडलाइन दिसंबर माह तक रखी गई है।
जिलाधिकारी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर मुख्य शिक्षाधिकारी प्रदीप कुमार रावतने प्रधानाचार्यों की बैठक बुलाई। बैठक में मुख्य शिक्षाधिकारी रावत ने कहा कि प्रोजेक्ट उत्कर्ष कार्यक्रम जिलाधिकारी की एक सार्थक पहल है। किसी भी कार्यक्रम को धरातल पर उतारना एक महत्वपूर्ण कड़ी है। उत्कर्ष कार्यक्रम को भी क्रियान्वित करने में विद्यालय प्रमुखों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता के लिए प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, हाईस्कूल, इंटर और उच्च शिक्षा के बीच संवाद होना आवश्यक है। शासकीय विद्यालयों में उच्च योग्यता धारक शिक्षक हैं। साथ ही विद्यालय में आधारभूत ढांचा भी हो तो ये विद्यालय शिक्षा के उत्कृष्ट केंद्र के रूप कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि एक शिक्षक का ध्यान दूरस्थ क्षेत्रों के बच्चों के सर्वांगीण विकास की ओर होना चाहिए।
मुख्य शिक्षाधिकारी रावत ने बताया कि उत्कर्ष कार्यक्रम के अंतर्गत हर विद्यालय में व्हाइट बोर्ड, हर कक्ष में एलईडी बल्ब या ट्यूब लाइट फर्नीचर के साथ बंदरों से सुरक्षित पानी टैंक व आउटडोर तथा इंडोर खेलों की व्यवस्था के लिए पर्याप्त खेल सामग्री उपलब्ध होनी चाहिए। शिक्षक की भूमिका विद्यालय की चहारदीवारी से बाहर समाज के एक नेता के रूप में भी है। बच्चों में आजकल विशेषकर शहरी क्षेत्र में नशे की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। इसे रोकने में भी शिक्षक की अहम भूमिका है। शिक्षक को बच्चों की ऊर्जा को रचनात्मक कार्यों की ओर प्रवृत्त करने की दिशा में भी कार्य करना होगा। कहा कि जिलाधिकारी की इस प्रोजेक्ट की डेडलाइन दिसंबर माह रखी गई है। सभी शिक्षक अपने-अपने विद्यालय में सक्रियता से उत्कर्ष प्रोजेक्ट की कार्यवाही करेंगे।
जिला शिक्षाधिकारी बेसिक भुवनेश्वर प्रयास जदली ने कहा कि प्रधानाचार्य विद्यालय का अकादमिक और प्रशासनिक प्रमुख के रूप में कार्य करता है। उसे विद्यालय में निष्पक्षता के साथ हर निर्णय लेना चाहिए। उन्होंने एनएमएमएस और डॉ. शिवानंद नौटियाल छात्रवृत्ति में बच्चों के नामांकन के प्रति प्रेरित करने का आह्वान किया। उन्होंने विद्यालय के पुस्तकालय को समृद्ध करने के भी सुझाव दिए।
खंड शिक्षाधिकारी रायपुर हेमलता गौड़, बड्डी काउंसलिंग क्लब के चीफ एग्जीक्यूटिव अधिकारी अरोड़ा, डायट देहरादून के विपिन भट्ट ने प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर पर बच्चों की रचनात्मक क्षमता तथा बच्चों के सर्वांगीण विकास एवं शैक्षणिक वातावरण की सकारात्मक पहल पर विस्तृत चर्चा कर सुझाव दिए।
इस दौरान खंड शिक्षाधिकारी विकासनगर विनीता रानी कठैत, डोईवाला धनवीर सिंह बिष्ट, रायपुर पीएल भारती और बीईओ चकराता बुशरा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन राजकीय इंटर कालेज बड़ावाला के प्रधानाचार्य शैलेश कुमार श्रीवास्तव ने किया।
(Udaipur Kiran) / कमलेश्वर शरण