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सरकार ने जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरणों के लिए नियम किए अधिसूचित

जीएसटीएटी के लोगो का प्रतीकात्‍मक चित्र

नई दिल्ली, 25 अप्रैल (Udaipur Kiran) । केंद्र सरकार ने माल एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (जीएसटीएटी) (प्रक्रिया) नियमों को अधिसूचित कर दिया है। इसमें आवेदनों की अनिवार्य ई-फाइलिंग और मिले-जुले ढंग से सुनवाई का प्रावधान किया गया है। अधिसूचना के अनुसार यह नियम 24 अप्रैल से प्रभावी हो गया है।

वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को देश में कर-संबंधी विवादों को सुलझाने की प्रक्रिया को कारगर बनाने और अप्रत्यक्ष कर विवादों के निपटारे में उद्योग जगत को बहुत जरूरी राहत प्रदान करने वाले एक कदम के तहत जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण (प्रक्रिया) नियम, 2025 को अधिसूचित किया है। इस अधिसूचना में कहा गया है कि यह नियम 24 अप्रैल, 2025 को प्रभावी हो गए हैं।

मंत्रालय के मुताबिक वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ढांचे के हिस्से के रूप में माल और सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (जीएसटीएटी) (प्रक्रिया) नियमों को अधिसूचित किया गया है, जो ऑनलाइन फाइलिंग, हाइब्रिड सुनवाई और मामलों को तत्काल आधार पर सूचीबद्ध करने की अनुमति देते हैं। इन नियमों में यह भी प्रावधान है कि अगर आवेदक दोपहर 12 बजे से पहले कोई अत्यावश्यक मामला दायर करता है और यदि आवेदन सभी मामलों में पूर्ण है, तो उसे अगले कार्य दिवस ही अपीलीय न्यायाधिकरण के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा।

मंत्रालय के मुताबिक कुछ अपवादों में अपीलीय न्यायाधिकरण या अध्यक्ष की विशेष अनुमति से दोपहर 12 बजे के बाद लेकिन दोपहर तीन बजे से पहले किए गए आवेदन को अगले दिन सूचीबद्ध किया जा सकता है। जीएसटी से संबंधित विवादों को सुलझाने के लिए एक महत्वपूर्ण निकाय जीएसटीएटी की पीठें सुबह 10:30 बजे से दोपहर 01:30 बजे तक और दोपहर 2:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक बैठेंगी। ये कार्य अवधि अध्यक्ष के किसी भी आदेश के अधीन होंगी।

अध‍िसूचना के मुताबिक माल और सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (प्रक्रिया) नियम, 2025 के अनुसार अपीलीय न्यायाधिकरण के प्रशासनिक कार्यालय सभी कार्य दिवसों में सुबह 9:30 बजे से शाम छह बजे तक खुले रहेंगे। सरकार ने पिछले साल मई में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) संजय कुमार मिश्रा को जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण (जीएसटीएटी) का पहला अध्यक्ष बनाया था।

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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर

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