श्रीनगर 16 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । सरकारी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) श्रीनगर ने बुधवार को विश्व एनाटॉमी दिवस के उपलक्ष्य में क्लिनिकल प्रैक्टिस में जेनेटिक्स को एकीकृत करना, शीर्षक से एक सतत चिकित्सा शिक्षा सीएमई कार्यक्रम आयोजित किया।
एक दिवसीय सीएमई का उद्देश्य जेनेटिक्स.आधारित निदान, लक्षित उपचार और बेहतर रोगी परिणामों पर जोर देना था। प्रिंसिपल डीन सरकारी मेडिकल कॉलेज श्रीनगर प्रो. डॉ. इफ्फत हसन ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
इस सीएमई के मुख्य अतिथि जीएमसी श्रीनगर के एनाटॉमी के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. कुलबीर कौर ने एनाटॉमी के क्षेत्र में नवीनतम रुझानों के साथ तालमेल रखने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए एनाटॉमी विभाग को बधाई दी और इस बात पर भी प्रकाश डाला कि जेनेटिक्स को क्लिनिकल प्रैक्टिस में कैसे एकीकृत किया जा सकता है। प्रो. डॉ. इफ्फत हसन ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि एनाटॉमी चिकित्सा विज्ञान की नींव है। भविष्य के स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों के रूप में निदान, उपचार और रोगी देखभाल के लिए एनाटॉमी को समझना महत्वपूर्ण है।
प्रो. गुलाम मोहम्मद भट, विभागाध्यक्ष, एनाटॉमी विभाग, जीएमसी श्रीनगर ने चिकित्सा में आनुवंशिकी की भूमिका पर विचार.विमर्श किया जिसमें इसकी नैदानिक, पूर्वानुमानात्मक, चिकित्सीय और निवारक भूमिकाओं पर प्रकाश डाला गया।
प्रो. बशीर अहमद शाह, प्रो. अब्दुस सामी, डॉ. जावेद अहमद खान, डॉ. उज़मा रसूल, डॉ. महीन नज़ीर और अन्य वक्ताओं ने आनुवंशिकी के अध्ययन के महत्व और निदान और उपचार में इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला। सीएमई ने ज्ञान के आदान-प्रदान, पेशेवर विकास और नेटवर्किंग के अवसरों के लिए एक मंच प्रदान किया। एसोसिएटेड हॉस्पिटल्स के प्रशासक मोहम्मद अशरफ हकाक, डिप्टी रजिस्ट्रार अकादमिक डॉ. मोहम्मद सलीम इट्टू, एचओडी और संकाय सदस्य भी दिन भर चलने वाले सीएमई में शामिल हुए। सीएमई में विभिन्न विभागों के प्रमुख, संकाय सदस्यए, प्रतिनिधि और छात्र शामिल हुए।
(Udaipur Kiran) / मोनिका रानी