Assam

असम समझौते के क्रियान्वयन पर तेजी से कार्य कर रही है सरकार: अतुल बोरा

असम विधानसभा के असम शरदकालीन सत्र को संबोधित करते हुए मंत्री अतुल बोरा।

गुवाहाटी, 28 अगस्त (Udaipur Kiran) । राज्य के असम समझौता कार्यान्वयन विभाग के मंत्री अतुल बोरा ने कहा है कि असम सरकार असम समझौते का अक्षरशः पालन करने की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि लंबे छात्र आंदोलन के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने दबाव में आकर असम समझौता तो किया। लेकिन, बाद की कांग्रेस नेतृत्व वाली केंद्र तथा राज्य सरकारों ने इस दिशा में कोई कार्य नहीं किया। जिस कारण यह आज तक पूरा नहीं हो सका है। मंत्री बोरा आज असम विधानसभा के चालू शरदकालीन सत्र के तीसरे दिन असम समझौता क्रियान्वयन से संबंधित प्रश्नों का उत्तर दे रहे थे।

उन्होंने कहा कि असम समझौते के खंडों में से खंड 8.1, 8.2, 13, 14 और 15 पहले ही क्रियान्वित किए जा चुके हैं, जबकि शेष खंड 5.1 से 5.9 और 6,7, 9.1, 9.2, 10, अनुच्छेद 11 और 12 का कार्यान्वयन समय-समय पर और चरणों में केंद्र और राज्य सरकारों के संबंधित विभागों द्वारा किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि सामान्य प्रशासन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार असम समझौता कार्यान्वयन विभाग में स्वीकृत अधिकारियों और कर्मचारियों तथा रिक्तियों की सूची परिशिष्ट ‘ए’ में दी गई है। सीमा सुरक्षा और विकास विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार भारत-बांग्लादेश सीमा की लंबाई (जिलावार) व्यौरे के अनुसार धुबड़ी और दक्षिण शालमारा मनकाचर 141.9 किलोमीटर, कछार 27.3 किमी तथा करीमगंज जिले में 98.3 किलोमीटर सीमा सील कर दिया गया है।

मंत्री ने कहा कि करीमगंज जिले में 4.35 किमी की लंबाई को छोड़कर पूरे सीमा को सील कर दिया गया है। करीमगंज जिले की सीमा पर 4.35 किमी की कांटेदार तार की बाड़ बॉर्डर गार्ड आफ बांग्लादेश (बीजीबी) विभाग की आपत्तियों के कारण नहीं लगाई गई है। इस पर संबंधित अधिकारियों के साथ चर्चा की जा रही है।

बाड़ लगाने के लिए शेष नदी क्षेत्रों की निगरानी व्यापक एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली (सीआईबीएमएस) द्वारा की जाती है।

उन्होंने कहा कि इसके अनुच्छेद 6 (उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट) और आर्थिक विकास से संबंधित संभावनाओं के अलावा राज्य के सामने आने वाली विभिन्न समस्याओं की निगरानी और रूपरेखा तैयार करने के लिए एक उप-समिति का गठन किया गया था, जिसमें असम समझौते के सभी प्रावधानों को शामिल किया गया था। इस उप-समिति ने अब तक अपने 5वें दौर की चर्चा की है। उप-समिति की रिपोर्ट को अंतिम रूप दिए जाने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

मंत्री बोरा ने कहा कि असम सरकार ने असम समझौते के अनुच्छेद 6 तथा अन्य सभी खंडों के कार्यान्वयन के लिए रूपरेखा तैयार करने के लिए तीन मंत्रियों तथा असम छात्र संघ के प्रतिनिधियों के एक समूह की एक उप-समिति गठित की है। इस उप-समिति ने अब तक अपने 5वें दौर की चर्चाएं की हैं।

मंत्री के उत्तर से नाराज विपक्षी पार्टी कांग्रेस के विधायकों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। साथ ही उन्होंने हाथों में पोस्टर लेकर मंत्री का विरोध करना शुरू कर दिया। इस पर विधानसभा अध्यक्ष बिश्वजीत दैमारी ने कहा कि सदन में इस तरह से पोस्टर लहराना गैर संवैधानिक है। जिसके बाद कांग्रेस के विधायक अपने आसन पर बैठ गये। कांग्रेस ने न्यायाधीश बिप्लव देव शर्मा कमेटी द्वारा सुझाए गये प्रावधानों को लागू करने के लिए उठाये गये कदमों के बारे में सरकार से जवाब मांगा।

चर्चा के दौरान संसदीय कार्यमंत्री पियूष हजारिका ने कहा कि कांग्रेस बिप्लव देव शर्मा कमेटी की रिपोर्ट को लागू करने की बात कह रही है, जिसके तहत विधानसभा में 80 प्रतिशत सीटों को आरक्षित करने की बात है वहीं एआईयूडीएफ इसका विरोध कर रही है। विपक्ष पहले अपने अंदर ही इस बारे में विचार करे तो अच्छा होगा। ज्ञात हो कि कांग्रेस के द्वारा कमेटी की रिपोर्ट को लेकर जैसे ही मांग उठायी गयी तो एआईयूडीएफ की ओर से डॉ. रसीदुल इस्लाम ने इसका विरोध करते हुए कहा कि यह संविधान के विरूद्ध कार्य होगा। क्योंकि 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण संविधान का उल्लंघन है।

(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश / अरविन्द राय

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