मंडी, 18 सितंबर (Udaipur Kiran) । प्राथमिक शिक्षक संघ मंडी जिला अध्यक्ष इंद्र सिंह भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा में गुणवत्ता के नाम पर सरकारी स्कूलों के नौनिहालों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। जबकि बीते 18 महीनों से शिक्षकों की समस्याओं को लेकर शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री से वार्ता नहीं हो पाई है। उन्होंने बताया कि अधिकारी पीटीएफ से वार्ता नहीं करवा रहे हैं।
उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि अब भी सरकार वार्ता के लिए नहीं बुलाती है तो आगामी 21 सितंबर को प्राथमिक शिक्षा निदेशालय शिमला में हजारों शिक्षक धरना प्रदर्शन करेंगे। जिसमें मंडी जिला से एक हजार प्राथमिक शिक्षक भाग लेंगे। उन्होंने बताया कि इसके बाद भी वार्ता नहीं होती या वार्ता टूट जाती है तो क्रमिक अनशन और फिर आमरण अनशन जैसा कदम भी उठाया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि अकेले मंडी जिला में बुनियादी शिक्षकों के बत्तीस सौ पदों में से सात सौ चौबीस पद रिक्त चल रहे हैं। जिसमें 328 जेबीटी, 118 एचटी , 75 सीएचटी और तीन बीईईओ के पद रिक्त चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि जीरो से पांच बच्चों वाले स्कूल बंद कर मर्ज कर दिए हैं। जिससे नन्हें बच्चों को दो से तीन किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा है। सरकार ने बच्चों को लाने ले जाने के लिए गाडिय़ां लगाने का वादा किया था, मगर वो भी पूरा नहीं हुआ है। वहीं पर बीस से कम संख्या वाले स्कूलों से दो की जगह पर एक ही शिक्षक को रखा जा रहा है। इससे अभिभावक अपने बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाने पर मजबूर है। जिसके चलते उनकी जेबों पर भारी फीस और अन्य खर्चों का बोझ पड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि सरकारी स्कूलों में गरीब तबके के लोग ही अपने बच्चे पढ़ाते हैं। सरकार के इस कदम से यह वर्ग भी प्रभावित हो रहा है। इंद्र सिंह भारद्वाज ने कहा कि हिमाचल के कर्मचारियों को पंजाब स्केल दिया जाता था, वह भी नहीं मिल रहा है। उन्होंने बताया कि अध्यापकों के वेतन में विसंगतियां चल रही है। उन्हें दूर किया जाना आवश्यक है। 31-12-1995 के बाद मुख्यशिक्षकों की इंक्रीमेंट बंद है। जबकि तीन जनवरी 2022 के बाद लगे बुनियादी शिक्षकों को ज्यादा और इससे पहले वाले जेबीटी को कम वेतन मिल रहा है। यही नहीं सरकार ने अंडर 12 आयुवर्ग के बच्चों के टुर्नामेंट बंद कर दिए हैं। जबकि अंडर 14 और अंडर 19 आयु वर्ग के टुर्नामेंट हो रहे हैं। जो नन्हें मासूम बच्चों के साथ अन्याय है।
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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा