लखनऊ, 23 सितम्बर (Udaipur Kiran) । समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने साेमवार काे कहा है कि बाढ़ से प्रदेश के 20 जिले बेहाल हैं। लाखों लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। 500 से ज्यादा गांव बाढ़ के पानी से घिरे हैं। आदमी, जानवर सब बदहाल हैं। जनजीवन तबाह है। सरकार बाढ़ पीड़ितों की जरूरत के हिसाब से मदद नहीं कर रही है। प्रदेश सरकार की संवेदन हीनता की पराकाष्ठा है। बाढ़ पीड़ित मदद के लिए गुहार लगा रहे है। शासन-प्रशासन बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए कहीं दिखाई नहीं दे रहा है।
अखिलेश यादव ने कहा कि बाढ़ से लखीमपुर खीरी, गोण्डा, फर्रूखाबाद, बलिया, बदायूं, हरदोई, बाराबंकी, आजमगढ़, वाराणसी, उन्नाव, कन्नौज, बस्ती, हाथरस, बहराइच, शाहजहांपुर, प्रयागराज समेत कुछ अन्य जिलों में स्थिति खराब है। प्रदेश में गंगा, जमुना, घाघरा, शारदा समेत अन्य नदियों का जल स्तर बढ़ने से लोग डरे हुए हैं। सरकार को सब जानकारी है उसके बावजूद पूरी तरह वह आकर्मण्यता की शिकार है। भाजपा सरकार ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के बजाय जनता को उनके हाल पर छोड़ दिया है।
उन्होंने कहा कि तराई जिलों में हालत और भी खराब है। आम जनता को डर के साये में जीना पड़ रहा है। एक तरफ बाढ़ से लोगों का खाने, पीने की चीजो की कमी है, उनका सब कुछ बर्बाद हो गया है तो दूसरी तरफ जंगली जानवरों से जान बचाने के लाले पड़े हुए हैं। जंगली जानवर जंगलों से बाहर निकल कर लोगों पर हमला कर रहे हैं। जनता के सामने दोहरा संकट है। सरकार कोई मदद नहीं कर रही है, जो कुछ खाना पूर्ति होती है उसमें भी भेदभाव हो रहा है।
बरसात के मौसम में जुकाम-बुखार के अतिरिक्त डेगूं-मलेरिया के मरीज भी बड़ी तादाद में सामने आ रहे हैं। पशुओं की बीमारियां भी बढ़ रही है। पशुओं के लिए चारे की भी दिक्कतें हो रही है। सरकार को जलभराव और उसके बाद के हालात पर जरा भी चिंता नहीं है। गरीब जनता और पशु दवा-इलाज के अभाव में परेशान है।
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(Udaipur Kiran) / मोहित वर्मा