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गुवाहाटी, 20 फरवरी (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि उनकी सरकार राज्य के अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्र का भी समान रूप से विकास कर रही है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में स्कूल, कॉलेज, मेडिकल कॉलेज से लेकर बड़े बड़े सड़कों, पुलों आदि का व्यापक पैमाने पर निर्माण किया जा रहा है। इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री ने ब्रह्मपुत्र नद पर मोरीगांव और दरंग के बीच बनाए जा रहे पुल, जोगीघोपा में ब्रह्मपुत्र नद पर पुल के दोहरीकरण, ब्रह्मपुत्र नद पर धुबड़ी-फुलगुड़ी निर्माणाधीन पुल आदि की चर्चा की। मुख्यमंत्री गुरुवार को असम विधानसभा के चालू बजट अधिवेशन के तीसरे दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई चर्चा का उत्तर दे रहे थे।
चर्चा के दौरान विधायक शेरमान अली ने आरोप लगाया कि सरकार की कथनी और करनी में अंतर है। राज्य में 40 फ़ीसदी अल्पसंख्यकों की आबादी है, लेकिन अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में शिक्षा, चिकित्सा, आवागमन आदि की कोई सुविधा नहीं तैयार की जा रही है। गुवाहाटी से ग्वालपाड़ा तक एक भी पुल नहीं है। स्कूलों में शिक्षक और अस्पतालों में डॉक्टर नहीं हैं। वहीं, विधायक अमीनुल इस्लाम ने आरोप लगाया कि 52 वर्षों के कांग्रेस शासन काल में अल्पसंख्यकों की उपेक्षा की गई। भाजपा की सरकार बनने के बाद एक उम्मीद जगी थी, लेकिन अल्पसंख्यक इलाकों का विकास नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी इलाकों का सम विकास नहीं करने से असम देश के पांच राज्यों की श्रेणी में नहीं आ सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष के संरक्षण में सिंडिकेट हो रहा है। पुलिस अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में बर्बरता कर रही है। रात को पुलिसवाले लोगों को घर से उठा कर ले जाते हैं और रुपए लेकर छोड़ देते हैं। पुलिस के संरक्षण में लगातार जुआ चल रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य पर जो कर्ज का बोझ बढ़ रहा है, उसमें अल्पसंख्यक भी समान रूप से भागीदार हैं। लेकिन, अल्पसंख्यक इलाकों का विकास नहीं हो रहा है।
अपने जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि जब कांग्रेस के शासनकाल में बोड़ोलैंड में अल्पसंख्यकों का नरसंहार हो रहा था, उस वक्त डॉ सरमा अल्पसंख्यकों की रक्षा में खड़े हुए थे। उदालगुरी में जब अल्पसंख्यकों पर गोलियां चल रही थी, उस समय भी डॉ सरमा स्वयं उनकी हिफाजत में खड़े थे। इसीलिए इस प्रकार का आरोप लगाया जाना बेबुनियाद है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी के साथ वही व्यक्ति सम्मान रूप से खड़ा हो सकता है, जिसके अंदर सनातन संस्कार हो।
बीच में विधायक अखिल गोगोई द्वारा मुख्यमंत्री पर चुनाव के करीब आने को लेकर सुर बदलने का आरोप लगाया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें किसी अल्पसंख्यक का वोट नहीं चाहिए। वोट मांगने भी नहीं जाएंगे। लेकिन, वह मुख्यमंत्री रहते हुए सबके साथ न्याय करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्रग्स का कारोबार करने वाले, अपराध करने वाले, लव जिहाद करने वाले, बटद्रवा की जमीन दखल करने वालों के प्रति उन्हें कोई सहानुभूति नहीं हैं। लेकिन, सभी आम लोगों को समान रूप से उनका अधिकार दिया जा रहा है, चाहे वह अल्पसंख्यक हों।
(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश
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