शिमला, 19 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा है कि प्रदेश सरकार कॉस्ट कटिंग के नाम पर जेई, एसडीओ, एक्सईएन के पद खत्म कर रही है। इंजीनियर सरकार और विभाग पर बोझ नहीं होते। जो काम करते हैं उससे संबंधित विभाग बेहतर काम करता है। सरकार पर वास्तविक बोझ सीपीएस और कैबिनेट रैंक के साथ बनाए गए सलाहकार और ओएसडी हैं। जिन पर हर महीने लाखों रुपए का खर्च हो रहा है। लेकिन सरकार कॉस्ट कटिंग के नाम पर इंजीनियर को हटा रही है। उनके पद खत्म कर रही है। जबकि जनता की गाढ़ी कमाई के पैसों से सरकार अपने मित्रों को सुविधाएं प्रदान कर रही है।
जयराम ठाकुर ने शनिवार को एक बयान में कहा कि अगर सरकार को कॉस्ट कटिंग करनी है तो सबसे पहले असंवैधानिक रूप से बनाए गए सीपीएस को हटाए। सलाहकारों की फौज को हटाए। लेकिन सरकार आठ-दस हजार की रुपए की नौकरी पर करने वाले आउटसोर्स के कर्मियों को हटाती है। आउटसोर्स कर्मियों की तनख्वाह रोकती है। ठेके पर काम करने वाले सुरक्षाकर्मियों और सफाई कर्मियों का वेतन रूकती है। दूरदर्शिता और मानवीय संवेदना से भी को दूर है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि आज हिमाचल में कल लाखों करोड़ों के प्रोजेक्ट ऐसे हैं जो केंद्र के सहयोग से चल रहे हैं। सभी प्रोजेक्ट्स को हिमाचल प्रदेश में पूरे जोर-शोर से चल रहे हैं तो उसके पीछे का सहयोग और हिमाचल से जुड़े भाजपा के नेताओं के द्वारा किए गए प्रयासों के कारण ही संभव हुआ है।
उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार के प्रोजेक्ट हिमाचल में रुक रहे हैं उनके क्रियान्वयन में रुकावट आ रही है उसके पीछे सरकार का तानाशाही पूर्ण रवैया और सहयोग न करना है। आज प्रदेश में केंद्र सरकार के द्वारा चलाए जा रहे हैं विभिन्न प्रोजेक्ट्स में हिमाचल प्रदेश सरकार अपना शेयर नहीं दे रही है। राज्य सरकार के द्वारा उपलब्ध करवाए जाने वाले संसाधनों को भी प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध नहीं करवा रही है। जिसके कारण हिमाचल प्रदेश में आने वाले समय में कई प्रोजेक्ट प्रभावित हो सकते हैं।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा