मंडी, 31 जनवरी (Udaipur Kiran) । प्राथमिक शिक्षक संघ जिला मंडी ने नर्सरी केजी से 12वीं तक की कक्षाओ का प्रधानाचार्य के अधीन संचालन का विरोध किया है। प्राथमिक शिक्षक संघ जिला मंडी के अध्यक्ष इंद्र सिंह भारद्वाज ने कहा कि इस व्यवस्था से गुणात्मक शिक्षा प्रदान करना संभव ही नहीं बल्कि मुश्किल भरा काम होगा।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने देश मेें सबसे पहले राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को स्वीकार करने पर अपनी स्वीकृति दी थी। जिस पर प्रदेश सरकार इसके भिन्न-भिन्न सोपानों को धरातल पर उतारने का प्रयास कर रही है। इस कड़ी में गत वर्ष 13 फरवरी 2024 को शिक्षा सचिव राकेश कंवर की ओर से क्लस्टर प्रणाली लागू करने वाले एक अधिसूचना जारी की थी। जिसमें रिसोर्स शेयरिंग, नर्सरी से आठवीं कक्षा तक इक_ा मध्याह्न भोजन जैसे अनेक कदम उठाए गए हैं, जिनका धरातल पर प्रभावी असर दिखाई दे रहा है। इस कड़ी में अगले सोपान के रूप में प्रदेश सरकार नर्सरी केजी से 12वीं कक्षा तक तथा कॉलेज और तकनीकी शिक्षा के लिए अलग निदेशक तैनात करने की योजना बना रही है। जिसमें प्राथमिक शिक्षक संघ जिला मंडी नर्सरी केजी से 12वीं तक प्रधानाचार्य के अधीन संचालन का कड़ा विरोध करता है।
उन्होंने कहा कि राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ जिला मंडी प्रदेश सरकार से मांग करती है कि यदि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को वास्तव में धरातल पर अमली जामा पहनाना है तो नर्सरी से कक्षा पांचवी तक एक अलग निदेशालय बनाया जाना चाहिए तथा प्रारंभिक शिक्षा के वर्तमान ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए सर्वप्रथम हिमाचल प्रदेश में 6300 पाठशालाओं में नर्सरी अध्यापिकाएं तुरंत तैनात की जानी चाहिए। तभी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की फाउंडेशन स्टेज मजबूत होगी और प्रारंभिक शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी क्योंकि नर्सरी केजी से लेकर कक्षा पांचवी तक का मनोविज्ञान और शिक्षण कौशल नर्सरी और प्राथमिक शिक्षक ही जानता है। इसके साथ प्रारंभिक शिक्षा में मुख्य शिक्षक केंद्रीय मुख्य शिक्षक, खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी और उपनिदेशक और निदेशक प्रारंभिक शिक्षा के ढांचे में कतई बदलाव नहीं होना चाहिए,इन पदों पर शिक्षाविद ही तैनात होने चाहिए।
उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने वर्तमान ढांचे में बदलाव का कदम उठाया तो राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ जिला मंडी इसके विरोध में धरने प्रदर्शन के लिए सडक़ों पर उतारने के लिए बाध्य होगा। जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शिक्षा निदेशक शिक्षा सचिव और प्रदेश सरकार की होगी। क्योंकि शिक्षा विभाग के कुछ प्रशासनिक अधिकारी माननीय मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री महोदय को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के वास्तविक ढांचे को न दर्शाकर उन्हें गुमराह कर रहे हैं।
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ जिला मंडी के अध्यक्ष इंद्र भारद्वाज, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष हेमराज ठाकुर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष दीप्ति शर्मा, महासचिव पवन भारद्वाज, कोषाध्यक्ष बिहारी लाल ठाकुर, महेंद्र शर्मा, जितेंद्र ठाकुर रिवालसर, करतार ममाणिया, बलदेव सिंह भीम सिंह ठाकुर, सुशील मढोतरा, संजय ठाकुर,जोगिंद्र नगर,चौतड़ा, जगदीश ठाकुर रिवालसर, बलविंदर कुमार सदर, धनीराम ठाकुर व शेष राम ठाकुर सराज , कश्मीर सिंह ठाकुर, लेखराज ठाकुर द्रंग, तिलक राज ठाकुर, महेंद्र ठाकुर, बगस्याड, पुष्पराज शर्मा, भीष्म ठाकुर करसोग, प्रीतम ठाकुर, भगवान् दास, जीवन यादव, सुंदर नगर, अंजू कश्यप, नीलम कुमारी, महिला विंग, विनोद कुमार, पवन परवारी, नेक राम जमवाल, अभिजीत सकलानी सरकाघाट, धर्मपुर, चेतन सोनी, हीरालाल ठाकुर, जालम सिह यादव चच्योट, पुष्प राज सैनी बल्ह सहित मंडी जिला के समस्त 3200 अध्यापक-अध्यापिकाएं सरकार के इस प्रयास का कडा विरोध करती है तथा प्राथमिक शिक्षक संघ के साथ अमल करने से पहले वार्ता करने की मांग करती है।
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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा
