Haryana

सीईटी के नियम तक तय नहीं कर पा रही सरकार: हुड्डा

चंडीगढ़, 19 मई (Udaipur Kiran) । हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि एक बार फिर हाई कोर्ट के सामने भाजपासरकार की पोल खुल गई है। भर्तियां या सीईटी करवाना तो दूर, इतने साल बाद भी सरकार सीईटी के नियम तक तय नहीं कर पाई है। अब बाकायदा हाई कोर्ट ने नियम तय करने के आदेश दिए हैं। ऐसा ना कर पाने पर कोर्ट ने मुख्यमंत्री या आयोग के अध्यक्ष को पेश होने के सख्त निर्देश दिए हैं।

हुड्डा ने साेमवार काे जारी बयान में कहा कि तीसरी बार सत्ता हथियाने के बाद भाजपा सरकार ने फिर से बेरोजगार युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ शुरू कर दिया है। इतने महीने बाद भी अब तक ग्रुप सी और डी पदों की भर्ती के लिए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट की कोई तैयारी नजर नहीं आ रही है। वर्षों से सीईटी का इंतजार कर रहे लाखों युवाओं के साथ इस सरकार ने सबसे बड़ा धोखा किया है। कायदे से हर 6 महीने या 1 साल के भीतर एक बार सीईटी होना चाहिए, लेकिन भाजपा 5 साल में बमुश्किल एक बार ये टेस्ट करवा पा रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने कहा कि पिछले कार्यकाल के दौरान भी भाजपा ने यही खेल खेला था। सरकार ने पूरे 5 साल तक जानबूझकर भर्तियों को लटकाए रखा। इतना ही नहीं सीईटी पास युवाओं को नाै हजार रुपये प्रति महीना देने का वादा करके सत्ता में आई भाजपा का ये वादा भी झूठा साबित हुआ। इस बार के बजट में कहीं भी सीईटी पास युवाओं को मासिक रुपये देने का जिक्र तक नहीं है। हुड्डा ने कहा कि भर्तियों के नाम पर धांधली और लेटलतीफी इस सरकार का तय नियम बन गया है। इसी के चलते पिछले महीने ही हाई कोर्ट ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग पर 50 हजार का जुर्माना लगाया था। टीजीटी भर्ती मामले में सरकार को आईना दिखाते हुए हाई कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर एग्जामिनर्स की योग्यता पर सवालिया निशान खड़ा किया था।

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(Udaipur Kiran) शर्मा

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