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सरकार ने एक भी स्कूलों को नहीं किया बंद, कांग्रेसी फैला रहे है झूठः सांसद घनश्याम तिवाड़ी

भजनलाल शर्मा सरकार ने एक भी स्कूलों को नहीं किया बंद, कांग्रेसी फैला रहे है झूठः सांसद घनश्याम तिवाड़ी

जयपुर, 18 जनवरी (Udaipur Kiran) । भाजपा सांसद और पूर्व शिक्षा मंत्री घनश्याम तिवाड़ी ने कांग्रेसी नेताओं द्वारा सरकारी स्कूलों को लेकर फैलाए जा रहे झूठ पर पलटवार करते हुए कहा कि शिक्षा में राजनीति की जरूरत नहीं है, बल्कि राजनीति में शिक्षा की जरूरत है। कांग्रेसियों को पढ़ने और सिखने की जरूरत है। कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व के साथ प्रदेश के नेता भी मूर्खतापूर्ण और अज्ञानतापूर्ण बयानबाजी कर रहे है। अब कांग्रेसी नेता कह रहे है कि भाजपा सरकार ने स्कूलों को बंद कर दिया, जबकि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सरकार ने एक भी स्कूलों को बंद नहीं किया है। भाजपा सरकार ने शून्य नामांकन वाले स्कूलों को नजदीक की स्कूल में मर्ज करने का ऐतिहासिक कार्य किया है। सरकार के इस फैसले से शून्य नामांकन वाली स्कूलों को मर्ज करने के बाद शिक्षकों को जरूरत के अनुसार दूसरी स्कूलों में लगाया जा सकेगा इससे शिक्षण व्यवस्था में भी सुधार आएगा।

भाजपा सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि कांग्रेस ने सिर्फ प्रचार के दृष्टि से महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को खोलकर खानापूर्ति कर दी, जबकि अंग्रेजी पढ़ाने वाले एक भी शिक्षकों की भर्ती नहीं की, बल्कि राजकीय विद्यालयों के नाम बदल दिया। ऐसे विद्यालयों की समीक्षा करना जरूरी था। कांग्रेसी नेता द्वारा आरएसएस के आदर्श स्कूलों को बढ़ावा देने वाला बयान उपहास वाला व्यक्तव्य है क्योंकि ये मर्ज होने वाले विद्यालय गांवों-कस्बों में है, वहां पर आरएसएस या विद्या भारती का कोई आदर्श विद्यालय संचालित नहीं है। इसलिए इस तरह का बयान मूर्खतापूर्ण है।

भाजपा सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि कांग्रेसी नेताओं द्वारा बार बार आरएसएस आरएसएस कहना, एक प्रकार का पागलपन है, जो कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व पर और राजस्थान के नेताओं पर भी यह पागलपन सवार हो गया है। ऐसे में कांग्रेेसी नेताओं से मेरा आग्रह है कि वे शिक्षा में राजनीति करने की बजाए राजनीति में शिक्षा को बढ़ावा दें। कांग्रेसी नेताओं को पढ़ने और सिखने की आदत ड़ालनी चाहिए। इनको अनर्गल बयानबाजी करने से बचना वाहिए। भाजपा सरकार ने शिक्षा में सांस्कृतिक एंव राष्ट्रीय मूल्यों की प्रतिस्थापना करने का कार्य किया है। कांग्रेस अपनी संस्कृति के कारण इसको बर्दाश्त नहीं कर पा रही है। कांग्रेस के नेताओं के अनुसार इनकी संस्कृति इंडियन स्टेट के खिलाफ लड़ने की है। कांग्रेसियों की यह अवधारणा भारत राष्ट्र की चेतना और भारत राष्ट्र की एकता के खिलाफ है।

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(Udaipur Kiran)

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