Madhya Pradesh

प्रदेशभर में सरकारी डॉक्टराें ने विभिन्न मांगाें काे लेकर काली पट्टी बांधकर किया विराेध प्रदर्शन

प्रदेशभर में सरकारी डॉक्टराें ने विभिन्न मांगाें काे लेकर काली पट्टी बांधकर किया विराेध प्रदर्शन

भोपाल, 20 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के 15 हजार से अधिक डॉक्टराें ने आज यानि गुरुवार से अपनी विभिन्न मांगाें काे लेकर आंदोलन शुरू किया है। प्रदेशभर में गुरुवार से सरकारी डॉक्टर कार्यस्थल पर काली पट्टी बांधकर काम कर रहे हैं। अपनी अलग-अलग मांगों को लेकर प्रदेशभर के सरकारी डॉक्टरों ने एकजुट होकर आंदोलन करने का ऐलान किया है। आंदोलन की शुरुआत राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल के ब्लॉक-2 के सामने हुई, जहां डॉक्टर्स ने विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में मेडिकल ऑफिसर्स, चिकित्सा शिक्षक, चिकित्सक और जूनियर डॉक्टर शामिल रहे।

दरअसल, लंबे समय से लंबित डीएसीपी, सातवें वेतन का लाभ व चिकित्सकों के कार्य में बढ़ती प्रशासनिक दखलंदाजी जैसी अन्य मांगें को लेकर डाॅक्टर अपना विराेध जता रहे है। चिकित्सक महासंघ ने आंदोलन की घोषणा की है। चिकित्सक महासंघ ने अपनी प्रमुख मांगों में उच्च न्यायालय द्वारा आदेशित उच्च स्तरीय समिति का गठन, कैबिनेट से पारित डीएसीपी और एनपीए का सही क्रियान्वयन, सातवें वेतनमान का वास्तविक लाभ और चिकित्सा क्षेत्र में प्रशासनिक दखलंदाजी को रोकने जैसी मांगें शामिल की हैं। डॉक्टरों ने सरकार से जल्द से जल्द इन मुद्दों पर निर्णय लेने की मांग की है, अन्यथा आंदोलन और तेज करने की चेतावनी दी है।

चिकित्सक महासंघ के मुख्य संयोजक डॉ. राकेश मालवीया ने बताया कि यह आंदोलन प्रदेश के 52 जिला अस्पतालों, कम्युनिटी अस्पतालों, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों द्वारा किया जा रहा है। गुरुवार काे काली पट्टी बांधकर काम किया गया। 21 फरवरी काे प्रतीकात्मक रूप से आवश्यक दवाइयों की होली जलाकर विरोध जताया जाएगा। 22 फरवरी काे प्रदेशव्यापी सामूहिक चिकित्सक उपवास किया जाएगा। विभिन्न स्थानों पर टेंट और स्टेज लगाकर विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। 24 फरवरी काे आंदोलन को और व्यापक बनाने की योजना। चिकित्सा बचाओ-चिकित्सक बचाओ प्रदेशव्यापी जन आंदोलन की घोषणा और आगामी निर्णय का ऐलान किया जाएगा। डॉ. राकेश मालवीय ने बताया कि यह आंदोलन किसी नई मांग को लेकर नहीं है। हमारी पुरानी मांगें आज भी वैसी ही बनी हुई हैं। इनमें से कुछ मांगों पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा आदेश भी जारी किए जा चुके हैं, लेकिन उनका क्रियान्वयन अभी तक नहीं हुआ है। इसके अलावा, कैबिनेट से पारित डीएसीपी का भी डॉक्टरों को पूरा लाभ नहीं मिला है। सरकार को इन सभी मुद्दों पर जल्द निर्णय लेना चाहिए और आदेश जारी करने चाहिए, जिससे हमारा आंदोलन समाप्त हो सके। हमारा मकसद केवल न्याय पाना है, आंदोलन करना नहीं।

ये है प्रमुख मांगे?

– उच्च न्यायालय के आदेशानुसार उच्च स्तरीय समिति का गठन

– कैबिनेट से पारित डीएसीपी का सही क्रियान्वयन

– 7वें वेतनमान का पूरा लाभ

– चिकित्सा क्षेत्र में प्रशासनिक दखलंदाजी पर रोक

—————

(Udaipur Kiran) / नेहा पांडे

Most Popular

To Top