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सरकार देशभर में ग्रीनफील्ड औद्योगिक स्मार्ट शहर विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध : राजू श्रीनिवास वर्मा

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्य मंत्री भूपति राजू श्रीनिवास वर्मा

-पलक्कड़ औद्योगिक स्मार्ट सिटी केरल के औद्योगिक परिदृश्य को नया आकार देगी

नई दिल्ली, 26 अप्रैल (Udaipur Kiran) । केंद्रीय भारी उद्योग, सार्वजनिक उद्यम और इस्पात राज्यमंत्री भूपति राजू श्रीनिवास वर्मा ने शनिवार को कहा कि सरकार देशभर में अत्याधुनिक ग्रीनफील्ड औद्योगिक स्मार्ट शहरों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। वर्मा ने यहां आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान यह बात कही, जहां राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम (एनआईसीडीसी) को उद्योग विकास पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पूरे भारत में अत्याधुनिक ग्रीनफील्ड औद्योगिक स्मार्ट शहरों के विकास के लिए केंद्र सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता के बारे में बताया।

अपने संबोधन के दौरान वर्मा ने केरल के पलक्कड़ में एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर (आईएमसी) की परिवर्तनकारी क्षमता की सराहना की और कहा कि यह परियोजना केरल और देश के व्यापक दक्षिणी क्षेत्र के बुनियादी ढांचे और औद्योगिक परिदृश्य को नया आकार देने के लिए तैयार है। इस कार्यक्रम में भारत के लॉजिस्टिक्स पारिस्थितिकी तंत्र को बदलने में एनएलडीएसल के योगदान को भी प्रदर्शित किया गया।

इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम पर केंद्रित एक तकनीकी सत्र भी शामिल था जिसमें आगामी पलक्कड़ औद्योगिक स्मार्ट सिटी की रणनीतिक दृष्टि, योजना और प्रगति के बारे में गहन जानकारी दी गई। एनआईसीडीसी लॉजिस्टिक्स डेटा सर्विसेज लिमिटेड द्वारा एक समर्पित सत्र में लॉजिस्टिक्स डेटा बैंक और यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म के माध्यम से तैनात किए जा रहे अभिनव डिजिटल समाधानों के बारे में विस्तार से बताया गया।

पुडुसेरी मध्य, पुडुसेरी पश्चिम और कन्नम्बरा में 1,710 एकड़ में फैला पलक्कड़ औद्योगिक स्मार्ट सिटी केरल के औद्योगिक विकास में एक प्रमुख मील का पत्थर है। पलक्कड़ शहर से 21 किमी, कोचीन से 120 किमी और कोयंबटूर से 50 किमी दूर रणनीतिक रूप से स्थित यह परियोजना निर्बाध अंतरराज्यीय संपर्क और महत्वपूर्ण लॉजिस्टिक लाभ मुहैया कराती है। इसे सड़क, रेल और हवाई मार्ग से अच्छी तरह से मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के साथ शहर को उच्च गुणवत्ता वाले निवेश को आकर्षित करने और क्षेत्रीय रोजगार तथा नवाचार को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है।

परियोजना की प्रमुख उपलब्धियां-

-आवश्यक भूमि का 81 फीसदी हिस्सा पहले से ही कब्जे में है।

– सभी भूमि खंडों के लिए पर्यावरणीय मंज़ूरी 01 जनवरी, 2025 को प्रदान कर दी गई हैं।

-परियोजना प्रबंधन और निर्माण परामर्शदाता को कार्य-निष्पादन पत्र जारी कर दिया गया है।

-ईपीसी निविदा दस्तावेजों को अंतिम रूप देने का कार्य प्रगति पर है।

इस कार्यक्रम में भारत के लॉजिस्टिक्स तंत्र को बदलने में एनएलडीएसएल के योगदान को दर्शाया गया। सितंबर 2022 में अपनी स्थापना के बाद से यूलिप ने 11 मंत्रालयों की 43 प्रणालियों को एकीकृत किया है जो 129 एपीआई और 1,800 से अधिक डेटा फील्‍ड के जि‍रए जुड़ी हैं, 1,300 से अधिक पंजीकृत कंपनियों को सशक्त बनाया है और 100 करोड़ से अधिक एपीआई लेनदेन को सक्षम किया है। यह प्रौद्योगिकी-संचालित प्लेटफ़ॉर्म भारत में एकीकृत, कुशल और पारदर्शी लॉजिस्टिक्स नेटवर्क के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण का उदाहरण है। उद्योग विकास कार्यक्रम में एनआईसीडीसी को मिली मान्यता भारत के औद्योगिक परिवर्तन को गति देने तथा वैश्विक विनिर्माण और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में देश की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।

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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर

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