मुंबई, 25 फरवरी (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार आदिवासी समाज को मुख्यधारा में लाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए पूरी निष्ठा के साथ विभिन्न योजनाओं को लागू किया जा रहा है। राज्य सरकार आदिवासी क्षेत्रों का समग्र विकास कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) निधि के माध्यम करेगी।
मुख्यमंत्री देवेंद्र मंगलवार को फडणवीस सह्याद्री अतिथि गृह में आदिवासी विकास विभाग और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की ओर से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सीएसआर निधि केवल महानगरों में ही खर्च न की जाए, बल्कि इसका उपयोग संतुलित विकास के लिए किया जाए। इस निधि के माध्यम से शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अधिकतम योगदान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज का एक समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक विरासत है। इस समुदाय के पास अपने नियम, कानून और मूल्य थे, लेकिन समय के साथ यह समाज पिछड़ गया। केंद्र और राज्य सरकारें आदिवासी समाज को मुख्यधारा में लाने के लिए कई योजनाएं चला रही हैं, जिनके माध्यम से उनके जीवन में नई आशा पैदा की जा रही है।
उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं और बच्चों को पोषण आहार उपलब्ध कराने के लिए भी सरकार विभिन्न योजनाएं चला रही है। महाराष्ट्र की कुल जनसंख्या का लगभग 9.5 फीसदी हिस्सा आदिवासी समुदाय से आता है, जबकि देश की कुल आदिवासी जनसंख्या का 10 फीसदी महाराष्ट्र में निवास करता है। इसलिए महाराष्ट्र को एक प्रमुख आदिवासी बहुल राज्य माना जाता है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि आदिवासी बच्चों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा और उनकी प्राकृतिक प्रतिभा को उचित मंच प्रदान करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसी उद्देश्य से प्रतिष्ठित स्कूलों में उन्हें प्रवेश दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री फडणवीस ने अनुसूचित जनजातियों के विकास को गति देने के लिए आदिवासी विकास विभाग के इस सम्मेलन में भाग लेने वाले सभी प्रतिनिधियों का स्वागत किया और उनका आभार व्यक्त किया।————————
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(Udaipur Kiran) यादव
