जयपुर, 1 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । राज्य मानवाधिकार आयोग ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता सचिव, श्रम सचिव और वित्त सचिव को कहा है कि वह संविदा कर्मचारियों की मूलभूत समस्याओं का निदान करे और उनके वेतन को न्यूनतम मजदूरी में समायोजित करे। इसके अलावा प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए लगे संविदाकर्मियों के पीएफ व बीमा राशि का निवेश विधि सम्मत करने के निर्देश दिए जाए। आयोग अध्यक्ष जस्टिस जीआर मूलचंदानी ने यह आदेश दिए। आयोग ने कहा कि मामले में उचित कदम उठाकर एक माह में उसकी रिपोर्ट पेश की जाए।
आयोग ने कहा कि वर्तमान में संविदा कर्मियों को दिया जा रहा वेतन, न्यूनतम वेतन से भी मेल नहीं खाता है। एक दुखद पहलू यह भी है कि प्लेसमेंट एजेंसी आमतौर पर श्रमिकों के पीएफ और बीमा की राशि से कटौती तो कर लेती हैं, लेकिन इनका न तो निवेश किया जाता है और इसका वास्तविक भुगतान भी संविदाकर्मी श्रमिक को नहीं मिलता। राज्य सरकार ने विधायी प्रबंधन कर नियमित कर्मचारियों से अभाव में संविदाकर्मी लेने का प्रावधान कर रखा है, लेकिन ऐसे श्रमिकों को उचित वेतन नहीं मिल रहा है । जिससे आर्थिक तंत्र से जूझ रहा श्रमिक मानसिक तनाव के साथ ही अपने मूल अधिकारों से भी वंचित हो रहा है।
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(Udaipur Kiran)