गोरखपुर, 30 जुलाई (Udaipur Kiran) । गोरखपुर को राज्य का एक मॉडल सोलर सिटी बनाने के प्रयासों को मजबूत करने के लिए उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (यूपीनेडा) और सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) के संयुक्त तत्वावधान में आज एक कार्यशाला ’’गोरखपुर सोलर सिटी: सतत भविष्य की ओर अग्रसर’’ का आयोजन किया गया।
राज्य सरकार द्वारा 17 सोलर सिटी में से गोरखपुर को भी चुना गया है, जो ऊर्जा की बढ़ती मांग, समुचित परिवेश और सोलराइजेशन के लिए अनुकूल परिस्थितियों के कारण एक विशिष्ट स्थान रखता है। कार्यशाला में नगर निगम वार्डों के पार्षद एवं जनप्रतिनिधियों, जिला स्तरीय विविध विभागों के पदाधिकारी, एनर्जी डेवलपर्स, और सामुदायिक प्रतिनिधियों की भागीदारी रही ।
इस अवसर पर महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव ने जिले को नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं, विशेषकर सौर ऊर्जा के विस्तार में अग्रणी बनने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा पर्यावरण हितैषी है और सतत विकास सुनिश्चित करती है। इसलिए सोलर सिटी बनने से न सिर्फ जनपद में सर्वांगीण विकास को बल मिलेगा बल्कि स्वच्छ पर्यावरण भी सुनिश्चित होगा।
सोलर सिटी के व्यापक दृष्टिकोण पर प्रकाश डालते हुए नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने कहा कि सार्वजनिक और निजी बुनियादी ढांचे का सोलराइजेशन इस पहल की सफलता के लिए आवश्यक है और सरकारी, निजी क्षेत्र एवं स्थानीय समुदायों के बीच साझेदारी प्रभावी कार्यान्वयन को बढ़ावा देगी। स्वच्छ स्रोत के रूप में नवीकरणीय ऊर्जा नयी आर्थिक गतिविधियों को गति दे सकती है।
उपाध्यक्ष, गोरखपुर विकास प्राधिकरण आनंद वर्द्धन ने कहा कि स्वच्छ वातावरण के लिए शहरी और ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में सौर ऊर्जा पर आधारित विविध उद्यमों एवं परियोजनाओं को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। सोलर सिटी योजना में सौर-चालित आधारभूत संरचना, आवासीय एवं निजी सौर प्रणाली और सामुदायिक रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स पर विशेष ध्यान दिया गया है।
इस अवसर पर सीईओ गीडा अनुज मलिक ने सोलर सिटी के विजन को साकार करने में सौर ऊर्जा पर आधारित उद्योगों और सौर उत्पादों के उद्यमों के लिए समुचित परिवेश बनाने के सरकारी प्रयासों के बारे में बताया। गोरखपुर में नवीकरणीय ऊर्जा का परिदृश्य सकारात्मक प्रगति को इंगित करता है, जैसे कुल 5191 किलोवाट की सौर रूफटॉप इंस्टॉलेशन 520 सोलर स्ट्रीट लाइट्स गोरखपुर के सतत शहरी विकास और एनर्जी एफिशिएंसी (ऊर्जा दक्षता) को नया आयाम दे रहे हैं। करीब 121 टन प्रति दिन बायोमास ऊर्जा उत्पादन और 803 एचपी क्षमता के सोलर पंपसेट्स गोरखपुर के एनर्जी मिक्स (ऊर्जा मिश्रण) को विविध बनाने और अन्य नवीकरणीय स्रोतों के अधिकाधिक उपयोग की क्षमता को प्रदर्शित करता है।
(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय / शरद चंद्र बाजपेयी / विद्याकांत मिश्र