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इंजीनियरिंग, टाउन प्लानिंग, कृषि सुधार और समाज विकास में देवी अहिल्याबाई का योगदान अनुकरणीय – डॉ. भटनागर

इंजीनियरिंग, टाउन प्लानिंग, कृषि सुधार और समाज विकास में देवी अहिल्याबाई का योगदान अनुकरणीय – डॉ. भटनागर

उदयपुर, 11 मार्च (Udaipur Kiran) । विद्या भवन पॉलिटेक्निक में मंगलवार को पुण्यश्लोक देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती एवं अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में भारतीय संस्कृति व नारी सशक्तीकरण विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

प्रताप गौरव शोध केंद्र के शोध निदेशक डॉ. विवेक भटनागर ने संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में कहा कि देवी अहिल्याबाई के शासन में सिविल इंजीनियरिंग, टाउन प्लानिंग, टेक्सटाइल उद्योग, महिला स्व-सहायता समूहों के निर्माण सहित कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कार्य किए गए। उन्होंने भारतीय संस्कृति में नारी सशक्तीकरण की अंतर्निहित अवधारणा को समझाते हुए कहा कि अहिल्याबाई का जीवन इस बात का प्रमाण है कि भारतीय परंपराओं में महिलाओं को सदैव सम्मान दिया गया है। उन्होंने विशेष रूप से उस दौर में न्याय व्यवस्था तथा कृषि सुधारों का उल्लेख करते हुए कहा कि अहिल्याबाई ने नैनो मिलीमीटर साइज़ के सिल्क धागे के निर्माण की तकनीकी को प्रोत्साहन दिया, जिससे उस समय वस्त्र उद्योग को नई दिशा मिली।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्य के अतिरिक्त प्रमुख वन संरक्षक डॉ. वेंकटेश शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि महिलाओं में जन्मजात शक्ति होती है और वे स्वभाव से ही सशक्त होती हैं। उन्होंने कहा कि जहां महिलाओं को अपनी क्षमताओं को पहचानने की आवश्यकता है, वहीं समाज को पुरुष प्रधान मानसिकता से बाहर आकर महिलाओं को समान अवसर प्रदान करने चाहिए।

विशिष्ट अतिथि के रूप में विद्या भवन की गवर्निंग समिति की सदस्य एवं वरिष्ठ शिक्षाविद पुष्पा शर्मा ने कहा कि परिवार, समाज और राष्ट्र निर्माण में महिलाओं की भूमिका सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1931 में स्थापित विद्या भवन का मूल उद्देश्य ही शिक्षा के माध्यम से समाज सुधार और महिला सशक्तीकरण रहा है।

लघु उद्योग भारती के जिलाध्यक्ष मनोज जोशी ने कहा कि अहिल्याबाई का शासनकाल उत्कृष्ट प्रशासनिक दक्षता, औद्योगिक नीति और आर्थिक दूरदर्शिता का उदाहरण है, जिससे आधुनिक समय में भी प्रेरणा ली जानी चाहिए।

मीरा कन्या महाविद्यालय की पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष एवं युवा नेत्री किरण वैष्णव ने अपने उद्बोधन में महिलाओं पर बढ़ती हिंसा और दुष्कर्म की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने समाज में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा उनके अधिकारों की रक्षा करने पर बल दिया।

संगोष्ठी की अध्यक्षता पॉलिटेक्निक की छात्रा सुमेधा गुप्ता ने की। कार्यक्रम के प्रारंभ में पॉलिटेक्निक के प्राचार्य डॉ. अनिल मेहता ने संगोष्ठी की विषयवस्तु पर प्रकाश डाला। संचालन प्राध्यापिका सुषमा त्रिवेदी ने किया तथा राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रभारी जय शर्मा ने आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री ऋतिक मेहरा सहित अनेक गणमान्य शिक्षाविद, उद्योगपति, समाजसेवी तथा इंजीनियरिंग के विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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(Udaipur Kiran) / सुनीता

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