धमतरी, 20 दिसंबर (Udaipur Kiran) । धमतरी जिले के नगरी नगर पंचायत में आयोजित भागवत कथा में कथावाचक पंडित मुकेश दीक्षित भागवत कथा में भगवान ध्रुव के प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि सतयुग के दौरान अवधपुरी में राजा उत्तानपद राज किया करते थे। उनकी बड़ी रानी का नाम सुनीति था और उनकी कोई संतान नहीं थी।
देवर्षि नारद, रानी को बताते हैं कि, राजा यदि तुम दूसरी शादी करते हैं, तो संतान प्राप्त होगी। रानी अपनी छोटी बहन सुरुचि की शादी राजा से करवा देती है और समय आने पर उससे एक संतान की उत्पत्ति होती है। उसी समय कुछ दिनों के बाद बड़ी रानी भी एक बालक को जन्म देती है। पांच वर्ष बाद जब राजा अपने बेटे का जन्म दिन मना रहे थे तो बालक ध्रुव भी बच्चों संग खेलता हुआ उनकी गोद में बैठ गया, जिस पर बड़ी रानी ध्रुव को राजा की गोद से उतार देती है। उसे कहती है कि यदि अपने पिता की गोद में बैठना है तो अगले जन्म तक इंतजार कर। बालक ध्रुव को यह बात चुभ जाती है। वह वन में जाकर कठिन तपस्या करने लगते हैं। उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु उन्हें दर्शन देते हैं और उन्हें मनचाहा वरदान देने का वचन देते हैं।
पंडित मुकेश दीक्षित ने कहा कि, इस प्रसंग से यह शिक्षा मिलती है कि किसी में भेदभाव नहीं करना चाहिए और जब बालक ध्रुव ने सच्ची भक्ति से ईश्वर को पा लिया तो आप भी भक्ति के राह में चलकर ईश्वर को पा सकते हो। कथा का आयोजन गजपाल परिवार ने किया है। मौके पर लक्ष्मण गजपाल, अल्का गजपाल, देवकांत गजपाल, राजू निर्मलकर, भीम सिंहा, योगेश साहू सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण मौजूद थे।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा