मंडी, 18 दिसंबर (Udaipur Kiran) । मंडी जिला की पांगणा उप-तहसील के अंतर्गत कलाशन पंचायत के अधिष्ठाता देओ छंडयारा की हर तीन साल बाद चेरशी रथ यात्रा निकलती है। इसी कड़ी में देवता अपनी देव समिति के प्रधान बुद्धि सिंह, उप प्रधान बाल कुमार, कुठियाला नंद कुमार, सचिव युवराज, सह सचिव हेमराज, पुजारी धर्मेंद्र, मैहता भूपेंद्र, गूर दुनीचंद, शांति लाल, भीम सिंह आदि सदस्यों, ढाढी-बाजगी तथा हार के हर परिवार के एक सदस्य सहित निकलते हैं। चेरशी यात्रा का उत्सव 11 दिनों तक देओ के हर खुंडे व मन्नत पूरी होने वाले गांव में मनाया जाता है।
देव प्रबंधन समिति के सह-सचिव हेमराज महाजन का कहना है कि ऐसी मान्यता है कि इस 11 दिवसीय पैदल यात्रा में शामिल होने से पुण्य की प्राप्ती होती है। यात्रा मार्गशीर्ष मास की अंतिम तिथि से एक दिन पूर्व देवकोठी कनेरी से धूमधाम से प्रारंभ हुई। पैदल भ्रमण करते हुए देव यात्रा पहले दिन हली गांव पहुंची। अगले दिन देओ छंडयारा अपने प्राक्ट्य स्थल पजैरठी देओरे पहुंचे।
मान्यताओं के अनुसार, यहां आज भी देओ छंडयारा साक्षात रूप में विराजमान है। देओ छंडयारा से जुड़ी ऐसी कई मान्यताएं हैं, जो सभी को शांत एकांत पजैरठी मे दिव्य शक्तियों की उपस्थिति का एहसास करवाती है। ऐसा माना जाता है कि रथयात्रा में शामिल होने से हर जागरुक को देओ छंडयारा और साथ चली अदृष्य शक्तियों देओ भारथी, सुमा बशैहरा, 18 बाण, हीरा महता का भी आशीर्वाद मिलता है। देओ छंडयारा गांव कलाशन गांव में अपने अनन्य भक्त ललित ठाकुर प्रवक्ता राजनीति विज्ञान के घर जातर उत्सव में भाग लेने पहुंचे। जहां देव दर्शन, पूजा अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। देवता के रात्रि विश्राम के समय भोजन के बाद बेड़, देव शयन, सुकेती नाटी नृत्य-लोकगीतो व भजन-कीर्तन ने श्रद्धालुओं को बांधे रखा।
बताया जाता है कि कलाशन गांव सुकेत अधिष्ठात्री राज -राजेश्वरी महामाया का मायका है तथा देओ छंडयारा सुकेत रियासत के पहले शासक वीरसेन के रूप में पूजित है। जिनकी सुकेत, मंडी, मांगल, बिलासपुर रियासत और सोलन जिला में बहुत मान्यता है। बुधवार को विशाल सहभोज ग्रहण करने के बाद यह देव यात्रा शौट, जेठी हार मढ़ी धार, मटीउड़ा, कुरशाल, शणोहल, जोहड़, मरोठी होकर वापिस कनेरी कोठी पहुंच कर समाप्त होगी।
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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा