
गुवाहाटी, 07 मार्च (Udaipur Kiran) । यात्री सेवा और रेलवे सुरक्षा के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (पूसीरे) के महाप्रबंधक चेतन कुमार श्रीवास्तव ने मालीगांव स्थित पूसीरे मुख्यालय में आज आयोजित एक विशेष समारोह में बरामद 100वें मोबाइल फोन को उसके वास्तविक मालिक और अन्य सेलफोन को उसके मालिकों को आधिकारिक रूप से सौंप दिया। बरामद मोबाइल फोनों को पूसीरे के रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के साइबर सेल ने दूरसंचार विभाग (डीओटी) द्वारा विकसित अत्याधुनिक सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (सीईआईआर) पोर्टल का उपयोग कर पता लगाया और इसे पुनः बरामद किया।
समारोह के दौरान, महाप्रबंधक श्रीवास्तव ने रेलवे नेटवर्क के अधीन यात्रियों के विश्वास और सुरक्षा को सुनिश्चित करने में इस तरह की पहल के महत्व पर जोर देते हुए साइबर सेल टीम के अथक प्रयासों की सराहना की। समारोह में साइबर सेल/आरपीएफ/पूसीरे द्वारा प्रदर्शित तकनीकी कौशल और त्वरित कार्रवाई के साथ-साथ यात्री सुरक्षा, प्रौद्योगिकी का उपयोग और सेवा उत्कृष्टता के लिए भारतीय रेलवे की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला गया। पूसीरे को सीईआईआर सुविधा तक पहुंच प्राप्त करने वाला भारत का पहला जोनल रेलवे होने का गौरव हासिल हुआ है, जो यात्रियों के लाभ के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने में इसके सक्रिय दृष्टिकोण को रेखांकित करता है।
आरपीएफ/पूसीरे के साइबर सेल ने अब तक गुम/चोरी हुए 470 सेलफोन का पता लगाया और 102 फोन बरामद किए हैं। उल्लेखनीय है कि बरामद किए गए 99 फोन पहले ही उनके मालिकों को लौटा दिए गए हैं। इस पहल के तहत अब तक 21 अपराधियों और चोरी हुए फोन के प्राप्तकर्ता को पकड़ा गया है। पूसीरे की आरपीएफ हमेशा रेल यात्रियों के लिए समग्र यात्रा अनुभव को बेहतर बनाने के लिए सक्रिय रणनीति के साथ प्रौद्योगिकी के संयोजन पर प्रतिबद्ध और केंद्रित है।
(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश
