झांसी, 18 जुलाई (Udaipur Kiran) । बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय एवं शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के दूसरे दिन अध्यक्षता करते हुए शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के सचिव अतुल भाई कोठारी ने कहा कि न्यास का उद्देश्य शिक्षा में नया विकल्प प्रस्तुत करना है। भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित शिक्षा व्यक्तित्व, समाज एवं राष्ट्र विकास से प्रेरित होनी चाहिए। भारत, संस्कृति, साहित्य, दर्शन, विज्ञान के साथ हर क्षेत्र में अग्रणी रहा है। भारतीय ऋषि मुनि द्वारा किए गए प्रयोगीक अनुभवों ने सनातन संस्कृति को गौरवशाली भारतीय ज्ञान परंपरा प्रदान की है। उन्होंने देशभर के 30 प्रांतो से आए 82 प्रतिभागियों को शिक्षा संस्कृत उत्थान न्यास के लक्ष्य, कार्य पद्धति एवं कार्यशाली के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की।
उन्होंने कहा कि न्यास के शोध प्रकल्प द्वारा किया गया यह आयोजन निश्चित ही ऐसे शोधार्थियों और शिक्षाविदों को तैयार करेगा जो भारतीय भाषाओं में भारत और विश्व की अनेकों समस्याओं पर सकारात्मक शोध कर उनका परिमार्जन करेंगे। उन्होंने कहा कि न्यास वर्ष के अंत पर चार ज्ञान कुंभ का आयोजन देश के चारों कोनों में करेगा। साथी फरवरी 2025 में ज्ञान महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज में होगा। उन्होंने कार्यशाला के सफल आयोजन हेतु बुंदेलखंड विश्वविद्यालय को शुभकामना दी।
समापन सत्र में शोध प्रकल्प के राष्ट्रीय संयोजक प्रो. तिमिर त्रिपाठी ने दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला की विकसित रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा कि इस दौरान शोध की भारतीय दृष्टि, विकसित और आत्मनिर्भर भारत का गुणात्मक निर्माण, शोध नवाचार और भारतीयता, एवं राष्ट्र की आवश्यकता के संबंध में शोध विषय पर डॉ राजेश्वर सिंह, संजय स्वामी आशीष दवे, एवं गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक अग्रवाल ने अपने विचार व्यक्त किये।
मुख्य अतिथि प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने कहा कि निश्चित ही कार्यशाला से आने वाले समय में गुणात्मक लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि हमें अपनी संस्कृति पर ज्ञान और अभिमान दोनों की आवश्यकता है। कार्यक्रम का संचालन एवं आभार राष्ट्रीय कार्यशाला संयोजक प्रोफेसर अवनीश कुमार ने किया। अतिथियों द्वारा समापन समारोह पर सभी प्रतिभागियों, संचालन समिति सदस्यों, एवं स्वयंसेवकों को स्मृति चिन्ह एवं प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
इस अवसर पर देश पर से लगभग आए 80 प्रतिभागियों के साथ डाॅ बिंदु सिंह, डाॅ संजय स्वामी, सुमित गुप्ता, श्री राम चौथाई, डा आशिष दवे, प्रो. आलोक कुमार, डॉ धर्मेंद्र बादल, डॉ कौशल त्रिपाठी, डॉ ललित गुप्ता, डॉ अनु सिंघला, डॉ अंजलि सक्सेना, डॉ संतोष पाण्डेय, डॉ अनुपम व्यास, डॉ अनिल केवट, डाॅ धर्मदास उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / महेश पटैरिया / शरद चंद्र बाजपेयी / मोहित वर्मा