जयपुर, 18 नवंबर (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट अदालती आदेश के बाद और सुप्रीम कोर्ट से राज्य सरकार को राहत नहीं मिलने पर भी होमगार्ड को न्यूनतम वेतनमान सहित अन्य भत्ते नहीं देने को गंभीर माना है। इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह इस संबंध में पूर्व में दिए आदेश की दो सप्ताह में पालना करे। ऐसा नहीं करने पर अदालत ने डीजी होमगार्ड को पेश होकर आदेश की पालना नहीं करने का कारण बताने को कहा है। जस्टिस नरेंद्र सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश होमगार्ड समन्वय समिति की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
अवमानना याचिका में अधिवक्ता डॉ. अभिनव शर्मा और अधिवक्ता पूजा शर्मा ने अदालत को बताया कि हाईकोर्ट ने 27 मार्च 2023 को राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह होमगार्ड को न्यूनतम वेतनमान सहित पुलिसकर्मियों के समान अन्य भत्ते दें। इसके बावजूद राज्य सरकार व होमगार्ड विभाग ने हाईकोर्ट के इन निर्देशों का पालन नहीं किया है। जबकि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के पालन में अन्य राज्यों ने होमगार्ड को पुलिसकर्मियों के समान ही वेतन भत्ते मंजूर कर दिए हैं। इसलिए अदालती आदेश का पालन करवाया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने 2 सप्ताह में आदेश की पालना नहीं करने पर डीजी होमगार्ड को पेश होकर इसका कारण बताने को कहा है।
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(Udaipur Kiran)