बांदा, 11 दिसंबर (Udaipur Kiran) ।
बांदा, 42 वां श्रीमद्भागवत जयंती महोत्सव का तीन दिवसीय कार्यक्रम श्री सिंह वाहनी मंदिर के प्रागंण मे सम्पन्न हुआ। अंतिम दिवस ज्ञान यज्ञ मे आचार्य तुलसीदास महराज ने कहा कि जब तक शरीर के अंदर की मुर्ति नही जागती तब तक बाहर की मूर्ति का पूजन होता है। जिस दिन अंदर की मूर्ति जाग जाये तो केवल ध्यान की जरूरत है। वाह्य पूजन की कोई जरूरत नही है।
राम बिहारी रामायणी जालौन ने कहा कि मनुष्य को कुरक्षेत्र मे रहते हुये धर्म क्षेत्र मे निवास करना चाहिए। देवी प्रसाद रुरा केवल गीता ही ऐसी सीढ़ी है जो इस संसार से मुक्ति के मार्ग तक पहुचाती है
अंत मदन गोपाल दास महराज अधिकारी श्री कामदा नाथ पीठ चित्रकूट ने कहा कि विसाद से प्रसाद की यात्रा ही गीता है।
सभा का संचालन श्री यज्ञेश जी किया। समिति के अध्यक्ष गया प्रसाद त्रिपाठी आभार ने व्यक्त किया।
सभी पदाधिकारी हरिशरण मिश्रा, आलोक शुक्ल, रामकिशोर शुक्ल, अनुराग शुक्ल, प्रयाग दत्त अवस्थी एड प्रद्युम्न कुमार लालू दुबे एड उमेश विश्वकर्मा, शशी कांत तिवारी,आदि उपस्थित रहे।
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(Udaipur Kiran) / अनिल सिंह