Chhattisgarh

कुएं में डूबने से बच्ची की मौत, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका को हटाने की मांग

आंगनबाड़ी केंद्र फाईल

धमतरी, 27 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । आंगनबाड़ी गई तीन साल की मासूम बच्ची की कुएं में डूबने से मौत हो गई। घटना से आक्रोशित ग्रामीणों की भीड़ ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका को हटाने की मांग की है।

मगरलोड थाना अंतर्गत ग्राम तेंदुभाठा निवासी एवं विद्युत विभाग मगरलोड में पदस्थ वाहन चालक आसदेव ध्रुव अपनी तीन वर्षीय पुत्री सेजल को अन्य दिनों की तरह 23 अक्टूबर को भी 10 बजे छोड़कर ड्यूटी पर चला गया। दोपहर दो बजे गांव की मितानिन ने उन्हें फोन कर घर जल्दी आने कहा। जब वह गांव पहुंचा तो देखा कि ग्रामीणों की भीड़ कुएं के पास लगी हुई थी। उनके पुत्री सेजल की कुएं में डूबने से मौत हो गई थी। घटना की जानकारी होने पर पुलिस मौके पर पहुंचकर जांच के बाद शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया और शव अंतिम संस्कार के लिए स्वजनों को सौंप दिया।

स्वजनों व ग्रामीणों का आरोप है कि गांव के शासकीय प्राथमिक स्कूल से लगा हुआ आंगनबाड़ी भवन है। यहां से मृतिका के घर की दूरी 400 मीटर पर है। समीप सीसी सड़क से आंगनबाड़ी पहुंच मार्ग है। सीसी सड़क से 50 फीट आउटर झाड़ीनुमा स्थान पर जमीन लेवल पर काफी पुराना कुआं है, जहां बच्ची खेलने के लिए भी नहीं जा सकती। आखिर बच्ची कुएं तक कैसे पहुंची और घटना हुई है, इसकी जांच पुलिस कर रही है। इधर बच्ची की मौत के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका की लापरवाही माना जा रहा है। बच्ची की मौत के बाद गांव में बैठक कर सर्वसम्मति से लिखित आवेदन कर कार्यकर्ता व सहायिका को पद से हटाने की मांग ग्रामीणों ने की है। जब तक कार्यकर्ता व सहायिका को पद से नहीं हटाया जाता, तब तक गांव के कोई भी पालक अपने बच्चों को आंगनबाड़ी नहीं भेजने का निर्णय लिया है। आंगनवाड़ी में ताला जड़ने ग्रामीण एक मत है। घटना को पांच दिन बीत चुका है, लेकिन शासन प्रशासन गंभीर नहीं है। इधर पुलिस भी शोकाकुल परिवार से अभी लिखित बयान नहीं लिया है।ग्रामीणों ने एकमत होकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका की लापरवाही के चलते बच्ची की मौत होने का आरोप लगाया है।

ग्रामीणों का आरोप है कि बच्चों को केंद्र तक ले जाना व लाना कार्यकर्ता व सहायिका द्वारा नहीं किया जाता। आंगनबाड़ी सुबह नौ बजे से दोपहर तीन बजे तक संचालित करना समय सीमा निर्धारित है परंतु कार्यकर्ता सहायिका द्वारा मनमर्जी पूर्वक केंद्र संचालित करती है। शासन की जनकल्याणकारी महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री मातृत्व योजना की लाभ पहुंचाने नगद राशि की मांग करती थी। योजना की जानकारी गांव में नहीं देती थी। कार्यकर्ता की संपूर्ण लेखा-जोखा उनकी बहू द्वारा किया जाना, केंद्र में बच्चों को भोजन पश्चात समय से पहले छुट्टी दे देना आदि आरोप है। पालकों के साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहाियका का आरोप उचित नहीं होने का आरोप है। कार्यकर्ता व सहायिका ने ग्रामीणों के समक्ष अपनी गलती स्वीकार किए है। ग्रामीणों ने एकमत होकर कार्यकर्ता व सहायिका को पद से हटाने की मांग की है। मांगे पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।

आंगनबाड़ी के तीन वर्षीय बच्ची की मौत के बाद 26 अक्टूबर को जांच व ग्राउंड रिपोर्ट के लिए दो सुपरवाइजर विभागीय कर्मचारियों के साथ गांव पहुंचे थे। सरपंच, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका सहित करीब 400 महिला-पुरुष ग्रामीण उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा

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