Maharashtra

जर्मन बेकरी बम विस्फोटः अंडा सेल में ही रहेगा हिमायत बेग

मुंबई,18 फरवरी (Udaipur Kiran) । बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि जर्मन बेकरी बम विस्फोट मामले में दोषी ठहराए गए आरोपी मिर्जा हिमायत बेग को कोई मानसिक आघात नहीं पहुंचा है। अदालत ने अंडा सेल से हटाए जाने की बेग की मांग को खारिज कर दिया है।

न्यायाधीश रेवती मोहिते-डेरे और न्यायाधीश नीला गोखले की पीठ ने बेग की याचिका खारिज करते हुए कहा कि हम इस बात से संतुष्ट हैं कि वर्तमान में,किसी भी मानसिक आघात का कोई सबूत नहीं है जैसा कि बेग ने याचिका में आरोप लगाया है। आवेदक किसी एकांत कारावास में नहीं है। राज्य कारागार विभाग के 2012 के परिपत्र के अनुसार उच्च सुरक्षा वाले कैदियों को विशिष्ट बैरकों में रखना अनिवार्य है। जेलों में हिंसा,झगड़े और हमलों की पिछली घटनाओं को देखते हुए सुरक्षा संबंधी चिंताओं को जेल अधिकारियों को सौंपना उचित होगा। पीठ ने स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता को अन्य कैदियों के साथ सामान्य बैरक में स्थानांतरित करने का आदेश देने का कोई कारण नहीं दिखता। बेग ने जेल में कुछ काम दिए जाने की मांग की है. उसकी मांग को संज्ञान में लेते हुए अदालत ने जेल प्रशासन को आदेश दिया कि वह बेग को जेल नियमों के अनुसार काम मुहैया कराए.

इससे पहलेराज्य की जेलों में किसी भी कैदी को एकांत कारावास में नहीं रखा जाता था। बम विस्फोट या आतंकवाद जैसे गंभीर अपराधों के आरोपियों को अन्य आरोपियों से अलग रखा जाता है। जेल में दोषी अपराधियों को एकांत कारावास में रखने और उन्हें अन्य दोषियों से अलग रखने में भी अंतर है। राज्य सरकार ने दावा किया था कि नए भारतीय दंड संहिता की धारा 11 के तहत,केवल आरोपी को दोषी ठहराने और सजा सुनाने वाली अदालत को ही आरोपी को तीन महीने से अधिक अवधि के लिए एकांत कारावास में रखने का आदेश देने का अधिकार है। बेग ने 2018 में हाई कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की थी कि उसे जेल की’अंडा सेल’से हटाया जाए।

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(Udaipur Kiran) / वी कुमार

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