जयपुर, 24 दिसंबर (Udaipur Kiran) । पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्वी राजस्थान नहर परियाेजना और अंबेडकर मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार व भारतीय जनता पार्टी पर सियासी पलटवार किया है। गहलोत ने कहा कि इन लोगों का विश्वास न संविधान पर था, न अंबेडकर पर था। इनकी आजादी के आंदोलन में कोई भागीदारी नहीं थी। ये गुमराह करते हैं।
गहलोत जयपुर एयरपोर्ट पर पत्रकाराें से बात कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि अंबेडकर को कांग्रेस ने सम्मान दिया। उन्हें संविधान की ड्राफ्टिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाया। इन्होंने बनाया क्या? लॉ मिनिस्टर इन्होंने बनाया क्या? अशोक
गहलोत ने कहा- ईआरसीपी के मामले पर अब भाजपा में ही सवाल उठ रहे हैं। पीएम आ गए, पीकेसी-ईआरसीपी नया नाम रख दिया। इसका समझौता गुप्त क्यों रख रहे हैं? क्या वास्तव में हमारे हितों की रक्षा हो रही है या नहीं। पानी की दिक्कत आजादी के बाद से ही रही है। प्रदेशवासियों की चिंता लगी है, समझौता गुप्त क्यों है? केवल पत्थर रखकर शिलान्यास करने से कुछ नहीं होता। मध्यप्रदेश के साथ क्या समझौता है, उसे जनता काे बताना चाहिए।
गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी सत्य-अहिंसा पर चलकर राजनीति करना चाहते हैं। उनके परिवार में इंदिरा गांधी शहीद हो गईं। उनके पिता राजीव गांधी शहीद हो गए, जिसने पिता के हत्यारे को माफ करने की पैरवी की। वो व्यक्ति धक्का दे सकता है क्या? संसद परिसर में तो सीसीटीवी कैमरे हैं। वीडियोग्राफी होगी। उस वीडियोग्राफी को छिपाकर क्यों रखा गया है? राहुल गांधी के बारे में देश और दुनिया जानती है।
गहलोत ने कहा कि जयपुर के भांकराेटा की घटना बहुत दुखद है। पूरा प्रदेश हिल गया है। इस घटना में बेकसूर लोग मारे गए और घायल हुए। इस तरह जो जलते हैं, उनका केस बहुत संवेदनशील रहता है। बहुत ही हृदय विदारक हादसा है। सरकार को इस घटना से सबक लेकर कुछ फैसले करने चाहिए ताकि आगे इस तरह के हादसों को रोका जा सके। इस तरह के हादसे होते हैं, तभी हम नए फैसले करते हैं।
गहलाेत ने एक अन्य पाेस्ट में सुप्रीम कोर्ट की ठेकाकर्मी, संविदाकर्मियों एवं गिग वर्कर्स को लेकर टिप्पणी काे आज के समय में एकदम उचित बताया। उन्हाेंने लिखा कि हमारी सरकार के समय राजस्थान में हमने दोनों क्षेत्रों में सामाजिक सुरक्षा देने के उद्देश्य से काम किया। संविदाकर्मियों के नियमितिकरण के लिए सर्विस रूल्स, ठेका कर्मियों के शोषण को समाप्त करने के लिए सरकारी निगम आरएसएलडीसी एवं गिग वर्कर्स के लिए विशेष कानून बनाया। हालांकि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वर्तमान भाजपा सरकार ने तीनों ही विषयों को एक तरह से ठंडे बस्ते में डाल दिया है जिससे लाखों लोगों का भविष्य अधर में है। राज्य सरकार को इन तीनों विषयों पर हमारे द्वारा किए गए काम को आगे बढ़ाना चाहिए और इस संबंध में नियम बनाकर लागू करने चाहिए।
राजस्थान की भांति सभी राज्य सरकारों को ठेकाकर्मी, संविदाकर्मियों एवं गिग वर्कर्स के लिए ऐसे सामाजिक सुरक्षा कानून बनाकर इनके भविष्य की अनिश्चितता समाप्त करनी चाहिए।
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(Udaipur Kiran) / रोहित